रविवार को गुवाहाटी में हुई बैठक में असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भाजपा विधायक दल द्वारा सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। आज हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने मंत्रिमंडल के 13 सदस्यों के साथ दोपहर 12 बजे असम के 15 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, सरमा का नाम मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल द्वारा प्रस्तावित किया गया था। सरमा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, सोनोवाल और अन्य सभी पार्टी नेताओं के प्रति आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें राज्य के लोगों की सेवा करने का मौका दिया है। उन्होंने अपने कर्तव्यों को “समर्पण और ईमानदारी” के साथ निभाने का संकल्प भी लिया। उन्होंने असम के लोगों को उन पर “विश्वास” दिखाने के लिए भी धन्यवाद दिया।
“मेरे दिल में असम की खुशबू और मेरी नसों में मेरे अद्भुत लोगों के प्यार के साथ, मैं आप सभी के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता प्रदान करता हूं। मैं वह कभी नहीं होता जो मैं आज हूं, यह मुझ में आपके पवित्र विश्वास का ही नतीजा है। मैं आज से ही अपने असम के लोगों के लिए काम करने की कसम खाता हूं”- हिमंत बिसवा सरमा ने ट्वीट करते हुए कहा
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी मौजूद रहे। उन्होंने रविवार को राज्यपाल जगदीश चंद्र मुखी से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
पहले हिमंत को भाजपा विधायक दल और फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल का नेता चुना गया था। नेता चुने जाने के बाद सरमा ने अपने पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल को बेदाग और भ्रष्टाचार मुक्त बताते हुए कहा कि वह उनके मार्गदर्शक बने रहेंगे। वहीं, सोनोवाल ने उन्हें अपना छोटा भाई बताते हुए कहा कि वह राज्य को और ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे।
हिमंत बिसवा सरमा ने 2014 में अपने कांग्रेस सहयोगी तरुण गोगोई के साथ अनबन के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और 2015 में भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था। असम में भाजपा के चहिते नेता हिमंत को कांग्रेस छोड़े हुए अभी छह साल भी नहीं हुए और वह असम के मुख्यमंत्री बन गए हैं।