उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज होती नजर आ रही है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी खतरे में है। खबर आ रही है कि पार्टी में अंदरूनी विवादों के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को उनके पद से हटाया जा सकता है। यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत को उनके पद से हटाया जाता है तो अनिल बलूनी या अजय भट्ट में से किसी एक व्यक्ति का उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनना तय है। इनके नाम पार्टी के कई लोगों ने आगे किए हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के गैरसैण में कुछ कार्यक्रम सुनिश्चित थे, लेकिन उन्हें हड़बड़ाहट में दिल्ली की तरफ आना पड़ा और उसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि संभव है उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है।
प्रदेश में नेतृत्व के बदलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि पार्टी के कुछ बड़े नेता इस खबर को नकार चुके हैं। उत्तराखंड में केवल नारायण दत्त तिवारी ने अपना कार्यकाल पूरा किया था, इसके अलावा कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा नहीं रहा जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल उत्तराखंड में पूरा किया हो और पूरे 5 साल गद्दी पर बना रहा हो। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद जो 2 नाम सामने आ रहे हैं, उनमें अजय भट्ट 1980 से संघ परिवार और बीजेपी से जुड़े रहे हैं वही अनिल बलूनी भी पार्टी में महत्वपूर्ण सियासी पदों पर बने रहे चुके हैं।
फिलहाल दिल्ली में त्रिवेंद्र सिंह रावत और बीजेपी के कई बड़े नेताओं की बैठक जारी है। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वे दिल्ली में सिर्फ पार्टी के बड़े पदाधिकारियों से मिलने आए हैं। खबर आ रही है कि उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का विस्तार भी संभव है। बीजेपी के ऑब्जर्वरों ने पार्टी के बड़े नेताओं को उत्तराखंड के राजनीतिक हालातों की रिपोर्ट सौंपी है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत अमित शाह और जेपी नड्डा से भी मिलने वाले हैं। उत्तराखंड बीजेपी के नेता अरविंद पांडे का कहना है कि वे उत्तराखंड का हित सोचते हैं, हालांकि पार्टी में आपसी टकराव नहीं है। दिल्ली में बीजेपी हाईकमान की मीटिंग में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी भी त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात करने वाले हैं। आज शाम एक बड़ी बैठक दिल्ली में होने जा रही है और इस मीटिंग में बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष भी शामिल होंगे। इस मीटिंग में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा चार मंत्री और 10 एमएलए भी दिल्ली में मौजूद हैं।
उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज भी दिल्ली में मौजूद हैं। किसी भी वक्त उत्तराखंड की सियासत को लेकर कोई बड़ी खबर सामने आ सकती है।
उत्तराखंड का युवा और उत्तराखंड की तमाम जनता अपने राजनीतिक नेतृत्व से लगभग हमेशा ही नाराज रहती है। लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से नाराजगी ज्यादा बढ़ती नजर आ रही है। इसी के चलते प्रदेश की जनता और नेताओं का त्रिवेंद्र सिंह रावत से असंतोष साफ देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि बीजेपी हाईकमान की मीटिंग के बाद उत्तराखंड की सियासत में क्या परिवर्तन देखने को मिलता है। यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत की गद्दी जाती है तो अनिल बलूनी या अजय भट्ट जैसे नाम मुख्यमंत्री के लिए सामने आ सकते हैं।