भारत सरकार के ट्विटर (Twitter) को चेतावनी देने के बाद एक नई माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने ट्विटर को चुनौती दी है। कू ऐप (Koo App) अब ट्विटर के सामने आकर खड़ा हो गया है। दरअसल मामला यह था कि भारत सरकार ने ट्विटर को समान नीतियां अपनाने के लिए कहा था। जो नीतियां ट्विटर की अमेरिका के लिए हैं वही भारत के लिए नहीं है। इसी पर भारत ने एतराज जताया था। जिसके बाद भारत में एक स्वदेशी ऐप सामने आया। इसे बेंगलुरु के कंपनी ने बनाया है। टि्वटर इंडिया को कू ऐप कड़ी टक्कर दे रहा है और इस पर कई बड़े राजनैतिक लोग व तमाम हस्तियां अपने अकाउंट बना रही हैं।
बहुत से सरकारी पद प्राप्त लोग भी कू एप पर अपना खाता खोल रहे हैं। हालांकि अब खबर आ रही है कि कू ऐप से भी यूजर्स का पर्सनल डाटा चुराया जा रहा है। हालांकि इसके निर्माताओं ने इस बात का पूरा आश्वासन दिया था कि यह एप यूजर्स की निजता को ध्यान में रखेगा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसपर अपना अकाउंट बनाया है और साथ ही बहुत से बड़े बड़े नेताओं, पत्रकारों और लेखकों ने भी इस पर प्रोफाइल बनाकर शेयर की है।
एक फ्रेंच साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर ने यह जानकारी दी है कि इस ऐप के माध्यम से लोगों का महत्वपूर्ण निजी डेटा जैसे की ईमेल आईडी, डेट ऑफ बर्थ और फोन नंबर शेयर हो सकता है। फ्रांस के साइबर सिक्योरिटी रिसर्च ने कू एप पर शोध किया और उन्होंने पाया कि यह प्रयोग करने के लिए सेफ नहीं है और उन्होंने इस पर बहुत सी खामियां होने का दावा किया है। इसके बाद कू एप की प्रतिक्रिया सामने आई है।
कू एप ने कहा है कि यूजर अपनी मर्जी से अपना डाटा ऐप के अंदर एंटर करते हैं। इसके माध्यम से वह दूसरों से अपनी प्रोफाइल शेयर कर सकते हैं और यही जानकारी उनके प्रोफाइल पर डिस्प्ले भी होती है। साथ ही कू ऐप के निर्माताओं ने डाटा लीक की जानकारी को पूरी तरह से झूठा बताया है और कहा है कि यहां केवल पब्लिक प्रोफाइल बनती है जिसे सब कू एप उपयोग करने वाले यूजर्स देख सकते हैं।
यह एप बनाने वाली कंपनी पर यह भी आरोप लगा की इस कंपनी के चाइनीज कंपनी बॉम्बीनेट टेक्नोलॉजी से लिंक हो सकते हैं लेकिन कंपनी ने इस पर जवाब देते हुए कहा है कि कू ऐप एक भारतीय कंपनी है और भारत में रजिस्टर होने पर गर्व महसूस करती है। उन्होंने अपने आप को किसी चाइनीज कंपनी से संबंधित नहीं बताया है। हालांकि सिक्योरिटी रिसर्चर ने इस ऐप पर कुछ समय बिताकर देखा है और वह दावे के साथ कह सकते हैं कि है एप यूजर्स का पर्सनल डाटा लीक कर रहा है।
अब गौर करने वाली बात यह है कि अभी तक बहुत सारे ब्यूरोक्रेट्स, नेता, अभिनेता, पत्रकार आदि इस एप पर जुड़ चुके हैं। अभी तक शायद उनका भी डाटा इस एप के पास लीक हो चुका हो। यह एप बॉम्बीनेट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हिस्सा है और यह कंपनी साल 2019 के अंत में आई थी।