वित्त मंत्री अरूण जेटली के बजट के भाषण की एक विशेष बात यह थी कि उन्होंने इस बारे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा स्कीम का उद्घाटन किया है। इसके तहत गरीब और पिछड़े लोगों को पांच करोड़ का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत पचास करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
इस ऐलान के तुरंत बाद समीक्षकों ने बजट की प्रतियां को खंगालना शुरू कर दिया। उन्होंने यह खोजने की कोशिश की कि आखिर इस स्कीम के लिए कितने रूपये आवंटित किए गए हैं।
इस योजना को सरकार देश स्वास्थ्य के लिए टॉनिक मान रही है। पर समीक्षकों की माने तो बजट में कही भी इस योजना के लिए किसी भी प्रकार का कोई फंड मौजूद नही है।
मशहूर अर्थशास्त्री और विषेशज्ञ विवेक कौल ने बताया कि, “बजट सरकार के खर्चे और अलग अलग योजनाओं के लिए आवंटित फंड का हिसाब किताब होता है। अगर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा स्कीम के लिए कोई पैसा आवंटित ही नही है तो यह बात साफ है कि यह योजना अगले साल तो बिल्कुल नही उद्घाटित होगी।”
रिपोर्ट के अनुसार यह स्कीम स्वतंत्रता दिवस या गांधी जयंती तक लागू होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंत्री जय प्रकाश नाडा के मुताबिक, “इस स्कीम के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। इस योजना का साठ प्रतिशत भार केंद्र सरकार उठाएगी और बाकी चालिस प्रतिशत राज्य सरकारें।”