बादाम दिमाग तेज़ करने के लिए जाना जाता है लेकिन बादाम का दूध भी अत्यधिक फायदेमंद होता है। इसमें अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाता हैं। इसमें विचुर मात्रा में कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन ई और विटामिन डी पाया जाता है जो इसको पोषण प्रदान करता है।
ये बाज़ार में तो उपलब्ध होता ही है लेकिन कुछ लोग इसे घर पर ही बना लेते हैं। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है जो गाय के दूध का सेवन नहीं करते हैं या र ऐसे लोग जो अत्यधिक स्वाद पसंद करते हैं।
आइये हम बादाम दूध से होने वाले महत्त्वपूर्ण लाभों के बारे में चर्चा करते हैं। इनका विवरण नीचे किया गया है।
विषय-सूचि
बादाम दूध पीने के फायदे (almond milk benefits in hindi)
1. इसमें कम होती हैं कैलोरीज (less calories in badam milk in hindi)
गाय के दूध के मुकाबले बादाम का दूध कैलोरीज से पूरी तरह मुक्त होता है। कुछ लोगों को ये बात अचंभित कर देती है क्योंकि बादाम में अधिक मात्रा में कैलोरीज और फैट होता है लेकिन बादाम के दूध को इस प्रकार बनाया जाता है कि उसमे बिलकुल भी कैलोरीज नहीं बचती हैं।
ये उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो अपना वज़न कम करना चाहते हैं। यदि हम 2-3 दिन के लिए गाय के दूध के स्थान पर बादाम दूध का सेवन करेंगे तो लगभग 348 कैलोरीज कम हो जाएँगी जिससे वज़न में कमी आती है।
हमें यह याद रखना चाहिए कि शक्कर युक्त बादाम दूध का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरीज की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा घर में बनाये गये बादाम दूध में भी कैलोरीज ज्यादा होती हैं। इसका सेवन करने से बचें।
2. इसमें विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है (vitamin d in almond milk in hindi)
विटामिन डी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। इसकी कमी से हड्डियों में परेशानी, हृदय सम्बंधित समस्याएं, इम्मुन सिस्टम में कमजोरी आदि हो सकती हैं।
वैसे तो धूप को विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत माना गया है लेकिन लोगों की जीवन शैली में बदलाव के कारण आजकल लोग धूप नही ले पा रहे हैं जिससे उनमें विटामिन डी की कमी हो गयी है।
बहुत ही कम चीजों में पहले से विटामिन डी पाया जाता है इसलिए उत्पादक चीजों को इस प्रकार बनाते हैं कि उनमें उच्च मात्रा में विटामिन डी रहे। दूध, जूस, अनाज, चीज़ आदि कुछ ऐसी ही चीजें हैं। इसी प्रकार घर पर बने हुए बादाम दूध में भी विटामिन डी नहीं पाया जाता है।
3. ये लैकटोस से मुक्त होता है (no lactose in badam milk in hindi)
कुछ लोगों में लैकटोस को पचाने की क्षमता नहीं होती है। ये उनके अन्दर लैकटेस नामक एंजाइम की कमी के कारण होता है। इस एंजाइम की गैर मौजूदगी का कारण लोगों के जीन, बुढापा या कुछ और परेशानी होते हैं।
इस परेशानी से दुनिया भर में लगभग 75% लोग ग्रस्त हैं। बादाम दूध में लैकटोस नहीं पाया जाता है जिसके कारण सभी लोग बिना किसी चिंता के इसका सेवन कर सकते हैं।
4. फ़ास्फ़रोस होता है कम, मध्यम मात्रा में होता है पोटैशियम
अक्सर लोग गाय के दूध का सेवन बंद कर देते हैं क्योंकि उसमें प्रचुर मात्रा में पोटैशियम और फ़ास्फ़रोस पाया जाता है जोकि किडनी की समस्या वाले लोगों के लिए नुकसानदायक होता है। रक्त में फ़ास्फ़रोस की अत्यधिक मात्रा होने से हृदय रोग, हड्डियों में तकलीफ, आदि की बीमारियाँ हो जाती हैं।
एक कप डेरी के दूध में 233 मिलीग्राम फ़ास्फ़रोस और 366 मिलीग्राम पोटैशियम होता है वहीं इतने ही बादाम दूध में 20 मिलीग्राम फ़ास्फ़रोस और 160 मिलीग्राम पोटैशियम पाया जाता है। इसलिए किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए बादाम दूध फायदेमंद रहता है।
5. ये डेरी से मुक्त और शाकाहारी होता है (badam milk is vegetarian in hindi)
कुछ लोग डेरी का दूध ये मानकर नहीं पीते हैं कि वो शाकाहारी नहीं होता तो वहीं कुछ लोगों को उससे एलर्जी होती है, इस स्थिति में बादाम दूध सबसे अच्छा विकल्प होता है।
कुछ ऐसे लोग जो डेरी का दूध नहीं पीते वो सोया दूध पी सकते हैं, लेकिन ये पाया गया है कि जिन लोगों को डेरी के दूध से एलर्जी होती है उन्हें सोया दूध से भी एलर्जी होती है इसलिए इस परिस्थिति में सबसे सही उपाय बादाम का दूध ही होता है।
हालांकि, बहुत छोटे बच्चों को बादाम दूध नहीं दिया जा सकता है क्योंकि उनमें इसको पचाने की शक्ति नहीं होती है।
6. कैल्शियम का एक अच्छा स्त्रोत (almond milk has more calcium in hindi)
गाय का दूध और दूसरे डेरी के उत्पादों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है लेकिन बादाम के दूध में कैल्शियम की कमी होती है। इसी कारण बादाम के दूध के उत्पादन के समय उसे इस तरह बनाया जाता है कि उसमे कैल्शियम की भरपूर मात्रा हो।
कैल्शियम हड्डियों को ज़रूरी पोषण देता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बिमारियों से बचाता है। हृदय, नर्वज़ और मांसपेशियों के उचित प्रदर्शन के लिए कैल्शियम अतिआवश्यक है।
हालांकि, यदि आप बादाम के दूध को घर पर ही बना रहे हैं तो कैल्शियम के लिए आपको अलग स्त्र्तों को तलाशना पड़ेगा।
7. विटामिन ई से भरपूर (vitamin e in badam milk shake in hindi)
बादाम में भारी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है। इसी कारण बादाम के दूध में भी विटामिन ई होता है। विटामिन ई एक शक्तिशाली एंटीओक्सीडैनट है जो शरीर में मौजूद सूजन और तनाव को दूर करता है।
शोध में पाया गया है कि विटामिन ई मस्तिष्क की क्रिया को सुधारता है और हृदय रोग और कैंसर से लड़ने में लाभकारी होता है। ये भी पाया गया है कि ये अल्ज़्हेमेइर जैसे रोगों के खिलाफ भी फायदेमंद होता है।
एक कप बादाम के दूध में 20-50% विटामिन ई पाया जाता है। ये उसकी ब्रांड पर निर्भर करता है।
8. शक्कर होती है कम (less sugar in almond milk in hindi)
बादाम के दूध का एक कप (240 मिलीलीटर) में केवल 1-2 ग्राम कार्बल्स होते हैं, जिनमें से अधिकांश डाइटरी फाइबर होते है। इसकी तुलना में, 1 कप (240 मिलीलीटर) डेयरी दूध में 13 ग्राम कार्बल्स होते हैं, जिनमें से अधिकांश चीनी ही होती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बादाम के दूध के कई प्रकारों को शक्कर जोड़कर मीठा किया जाता है। इन किस्मों में प्रति कप 5-17 ग्राम शक्कर (240 मिलीलीटर) हो सकती है। इसलिए, अतिरिक्त शर्करा के लिए पोषण लेबल और सामग्री सूची हमेशा जांचना महत्वपूर्ण होता है।
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