उत्तर प्रदेश में 27 से 31 जनवरी तक निकलने वाली गंगा यात्रा को दिव्य-भव्य बनाने की तैयारियां चल रही हैं। इस क्रम में यात्रा के दौरान गंगा और सहायक नदियों में अशोधित सीवरेज गिराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रमुख सचिव (नगर-विकास) मनोज सिंह ने इस सबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।
इसके लिए मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 26 जिलों से गुजरने वाली यात्रा के समय किसी भी तरह का तरल और ठोस कचरा गंगा में नहीं गिराया जाएगा। इस दौरान ओडीएफ घोषित हो चुके गांवों में स्वच्छता का पूर्णतया ध्यान रखा जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन करवाए जाने के निर्देश हैं।
प्रमुख सचिव ने नदी के किनारे बसे कानपुर, प्रयागराज, और वाराणसी नगर-निगमों, पालिका परिषदों, नगर पंचायतों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन शहरों के नालों व सीवर के पानी को बायारेमेडिएशन विधि से शोधन करें। इस व्यवस्था का उपयोग कुंभ के दौरान किया गया था।
ज्ञात हो कि प्रथम यात्रा बिजनौर से कानपुर और द्वितीय यात्रा बलिया से कानपुर तक जाएगी। इन यात्राओं का शुभारंभ राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री और अन्य प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस यात्रा की निगरानी स्वयं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा था कि 1,025 किलोमीटर की यह गंगा यात्रा 26 जिलों, 1,026 ग्राम पंचायतों और 1,638 राजस्व ग्रामों से गुजरेगी। इस यात्रा को सड़क मार्ग के अलावा प्रत्येक दिन जल मार्ग से भी गुजरने की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ से कहा है कि यात्रा के दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पर्याप्त स्टीमर व बोट की व्यवस्था की जाए। परिवहन विभाग को यात्रा के लिए पर्याप्त वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।