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    राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) पहली बार माघ मेला में 21 जनवरी को संत सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इस दौरान संत समाज की ओर से राम मंदिर निर्माण की तिथि व जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने पर चर्चा की जाएगी। इसमें देशभर के करीब दो हजार प्रमुख संत एवं धर्माचायरें को बुलाया गया है। माघ मेला के परेड मैदान में त्रिवेणी मार्ग पर स्थित विहिप के शिविर में दो दिवसीय बड़ा आयोजन होगा।

    20 जनवरी को विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक होगी। 21 जनवरी को संत सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में ही श्रीराम मंदिर निर्माण की तिथि घोषित की जाएगी। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए गठित होने वाले ट्रस्ट की रूपरेखा भी तय की जाएगी।

    विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “20 जनवरी को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। इसके बाद 21 जनवरी को संत सम्मेलन आयोजित होगा। इस दौरान संतों की मौजूदगी में मंदिर निर्माण के लिए तिथि की घोषणा भी हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने पर भी चर्चा होगी।”

    उन्होंने कहा, “जनसंख्या असंतुलन बहुत बड़ी समस्या है। इसे ठीक करना जरूरी है। इससे विकास और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रहे हैं। सीएए और एनआरसी पर भी चर्चा होगी, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण सभी धर्मों के लिए है। भारत को आगे बढ़ाने में जनसंख्या वृद्घि बाधक है। इसलिए इस पर कानून बनाकर इसे रोका जाना ज्यादा जरूरी है।”

    सम्मेलन के लिए देशभर के लगभग दो हजार संत-महात्माओं को निमंत्रण भेज दिया गया है। इसमें विहिप के साथ ही बजरंग दल के बड़े पदाधिकारी भी शामिल लेंगे। विहिप द्वारा 21 जनवरी को आयोजित संत सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत कर सकते हैं। सम्मेलन में शामिल होने के लिए विहिप की ओर से उन्हें आमंत्रित किया गया है।

    संत सम्मेलन में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतंभरा के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि, श्रीष्ण जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ समेत सभी ज्योर्तिलिंगों के पुजारियों व पदाधिकारियों को बुलाया गया है। वहीं प्रमुख अखाड़ों के सभी प्रमुख संत भी इसमें शिरकत करेंगे।

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