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याददाश्त बढ़ाने के तरीके

मेमोरी यानि याददाश्त हमारी ज़िन्दगी का एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। वो मेमोरी ही होती है जिसके ज़रिये हम चीजों को याद रख पाते हैं। लेकिन अक्सर ये पाया गया है कि उम्र की मार लोगों पर ऐसी पड़ती है कि उनकी याददाश्त कमज़ोर हो जाती और वे चीजों को याद नहीं रख पाते हैं इसका असर कुछ ऐसा होता है कि वयस्क इस बात से डरने लगते हैं कि वे आत्मनिर्भर होकर नहीं जी सकते हैं और हर वक़्त उन्हें अपने कामों के लिए दूसरों की सहायता की आवश्यकता होगी इस परेशानी से निजात पाने के लिए काफी कोशिशें की गयी हैं और अभी भी की जा रही हैं। 

इस सबके बीच अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिक हमारे पुराने मस्तिष्क की अद्भुत क्षमता के बारे में ज्यादा सीख रहे हैं ताकि हर दिन नए न्यूरल कनेक्शन को बदल सकें और वृद्धावस्था में भी बढ़ा सकें। इस अवधारणा को न्यूरोप्लास्टिक के रूप में जाना जाता है न्यूरोप्लास्टिक पर शोध के माध्यम से, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हमारी मेमोरी क्षमता तय नहीं हुई है, बल्कि इसमें बदलाव किया जा सकता है।

सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि नयूरोप्लास्तिसिटी का पूर्णतः फायदा उठाने के लिए लोगों को अपनी ओर से कुछ तरीके अपनाने होंगे।  इसके लिए लोगों को अपने दिमाग को सही तरह से ट्रेन करना होगा और अपने तन का ख्याल रखना होगा। इसी विषय में कुछ उपयोगी नुस्खे इस प्रकार हैं

1. कुछ नया सीखें

हमारी मेमोरी एकदम हमारी शारीरिक क्षमता के सामान होती है जितना इसका इस्तेमाल किया जाता है उतनी ही इसकी सक्षमता बढती है लेकिन हम प्रतिदिन एक जैसा श्रम करके अपनी शारीरिक क्षमता को नहीं बढ़ा सकते उसी प्रकार हम अपनी दिमाग को स्थिर रखकर ये उम्मीद नहीं कर सकते कि उसमे परिवर्तन होगा हमे नियमित रूप से अपने दिमाग को चुनौतियाँ देती रहनी चाहिए ताकि हमारा दिमाग हर दिशा में सोचने के काबिल बन सके हमें हर वो कार्य आजमाना चाहिए जो हमें मुश्किल लगता हो और ऐसा महसूस करता हो कि उसे करना हमारे लिए नामुमकिन के बराबर है

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दैनिक जीवन में बहुत से कार्य मौजूद हैं लेकिन हमें वो काम ढूंढना चाहिए जो हमारे लिए मुश्किल हो और जिसे करने के लिए हमारे मस्तिष्क को नयी तैयारी की ज़रुरत पड़े

2. चीजों को दोहराएँ

हम जो पढ़ते हैं उसे भूल भी जाते हैं और अक्सर इसका कारण यह होता है कि हम उस चीज़ को दोहराते नहीं है दोहराने से नयूरोंस के बीच का कनेक्शन मज़बूत हो जाता है और इससे हमारी मेमोरी भी तेज़ हो जाती है इसलिए चीजों को पढने के बाद पुनः दोहराना आवश्यक होता है जो हम पढ़ते हैं उसे हमें वाक्य में प्रयोग करना चाहिए और जोर जोर से मुख से दोहराना चाहिए। 

पढ़ी हुई चीजों पर खोज करने से भी वह लम्बे समय तक स्मरण रहती है और मस्तिष्क की क्षमता बढाती है किन्तु केवल खोज से कोई भी अपनी याददाश्त को एकदम मज़बूत नहीं कर सकता है उसके लिए ज़रूरी है कि वह बिना देखे याद की गयी चीजों को दोहराए यह एक अभ्यास के सामान होता है और किसी भी सीखे हुए कौशल का यदि उचित प्रकार से अभ्यास किया जाये तभी वो सफल होता है। 

3. सीखी हुई चीजों को करें विभाजित

जो भी नयी चीज़ हम सीखते हैं उसे याद रखने के लिए उसे अलग-अलग समूह में विभाजित कर लें क्योंकि जब हम चीजों को तोड़कर याद करने की या समझने की कोशिश करते हैं तो वे चीजें आसान हो जाती हैं इसी कारण यह ज़रूरी होता है कि लोग हर चीज़ को उसके विभिन्न समूह बनाकर ही समझें। 

4. पूरी तरह जागरूक रहें

तेज़ मेमोरी वालों की एक काबिलियत होती है कि वो पूर्णतः जागरूक रहते हैं वे न सिर्फ अपना दिमाग इस्तेमाल करते हैं बल्कि अपने आँख, कान खुले रखते हैं एवं तथ्यों पर ऐसे ही भरोसा नहीं करते हैं उसके लिए वे हर अर्थ को समझते हैं और तभी विश्वास करते हैं वे अपनी सभी इन्द्रियों का अच्छी तरह उपयोग करते हैं। 

5. पानी पीयें

पानी एक ऐसी औषधि है जो हमारे शरीर के सारे विकारों को मिटाने के काबिल होता है हमारे दिमाग का अधिकतम हिस्सा पानी से बना होता है यदि हमारे शरीर में पानी की कमी होगी तो उसके हमारे मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ेंगे पानी के ज़रिये ही हमारा मस्तिष्क ज़रूरी तत्व का इस्तेमाल करने के काबिल बनता है। 

6. सीधे गूगल को न बनाये अपना साथी

आजकल लोगों ने अपना दिमाग चलाना बंद कर दिया है और पूरी तरह टेक्नोलॉजी के दास बनकर रह गए हैं वे अपनी हर समस्या के लिए गूगल का ही रुख करते हैं और खुद अपने दिमाग से समाधान कभी नहीं सोचते ये आदत लोगों को ले डूब रही है और उन्हें हर काम के लिए निर्भर बना रही है इससे बचने के लिए और खुद के विकास के लिए लोगों को आत्मनिर्भर बन्ने की आवश्यकता है। 

7. जीपीएस को कहें अलविदा

आजकल लोग जहाँ जाते हैं जीपीएस सिस्टम के भरोसे ही गाडी चलाते हैं लेकिन शोध में ये पाया गया है कि जीपीएस सिस्टम का प्रयोग करने की वजह से लोगों की सोचने की क्षमता और दिमाग चलने की क्षमता ख़तम होती जा रही है। 

इसलिए आवश्यक ये है कि जब तक आप पूरी तरह रास्ता न भटक गए हों तब तक जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल न करें लेकिन फिर उसी रास्ते पर वापिस आते समय ज़रूर अपने दिमाग का ही उपयोग करें। 

8. अपने आप को व्यस्त रखें

यदि आप अपने आप को व्यस्त रखते हैं तभी आप अपने दिमाग का सही संतुलन बनाकर रख सकते हैं एक व्यस्त कार्यक्रम ज़रूरी होता है दिमाग को चुस्त और तंदरुस्त रखने के लिए। 

9. व्यवस्थित रहें

एक व्यवस्थित इंसान ज्यादा संयोजित रहता है और यदि आप अपना कार्यक्रम स्वयं बना रहे हैं और अपने हाथ से उसको लिख रहे हैं तो इससे ज्यादा बेहतर कुछ हो नही सकता। 

10. नियमानुसार सोयें

अपने सोने का और जागने का एक समय निर्धारित करें और उसी अनुसार सोयें इससे मस्तिष्क की क्षमता बनी रहती है और वो सही तरीके से काम करने के काबिल बनता है इससे आपकी नींद की गुणवत्ता भी सुधरती है और आप स्वस्थ भी रहते हैं। 

11. सोने से पहले न करें स्क्रीन्स का इस्तेमाल

मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर स्क्रीन द्वारा निकलने वाला नीला प्रकाश मेलाटोनिन नामक एक हार्मोन के उत्पादन को रोकता है जो आपके स्लीप-वेक साइकिल (सर्कैडियन ताल) को नियंत्रित करता है। एक खराब अनियमित नींद चक्र वास्तव में नींद की गुणवत्ता पर हानिकारक हो सकता है। 

इसलिए ज़रूरी यह है कि सोते समय अपने गैजेट्स अपने से दूर ही रखें और उन्हें भुलाकर ही आप सोयें। 

12. कॉफ़ी का करें सेवन

यह पाया गया है कि कॉफ़ी में पाया जाने वाला कैफीन हमारे मस्तिष्क के लिए काफी लाभपूर्ण होता है इसके ज़रिये लोग पार्किन्सन और अल्जाइमर जैसी बिमारियों से दूर रहते हैं। 

13. मेडिटेशन को बनाएं आदत

मेडिटेशन यानी ध्यान दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होता है। मेडिटेशन की आदत लोगों को स्वस्थ रखने में अमृत साबित होती है इसके ज़रिये लोगों के अन्दर सकारात्मक उर्जा का विकास होता है और उनके सोचने समझने की शक्ति में नयी कुशलता भर जाती है वे हर मुश्किल का निवारण बड़ी ही सूझ बूझ एवं समझदारी के साथ करते हैं

14. मोटापे से रहे दूर

मोटापा अपने आप में ही एक बीमारी के सामान है। लोगों को अपने आहार को इस प्रकार रखना चाहिए कि वे उनके स्वास्थ्य के लिए न ही कम हो और न ही ज्यादा। मोटापे से ग्रसित लोग ये जानते हैं की इससे उनके अन्दर आलस्य, कामचोरी और तनाव जैसी समस्याएं विकसित हो जाती हैं। 

15. खाएं इस प्रकार का खाना

अपनी मेमोरी को तेज़ रखने के लिए आपको ज़्यादातर इस निम्न प्रकार का खाना लेना चाहिए:

  • पौधे आधारित खाद्य पदार्थ, खासकर हरे, पत्तेदार सब्जियां और जामुन
  • साबुत अनाज
  • फलियां
  • चिकन या टर्की
  • जैतून का तेल या नारियल का तेल
  • औषधि और मसाले
  • फैटी मछली, जैसे सैल्मन और सार्डिन
  • रेड वाइन, कम मात्रा में

इनसे आपका मस्तिष्क स्वस्थ और दिमाग तेज़ रहता है तथा आप स्वयं को आत्मनिर्भर महसूस करते हैं। 

16. न खाएं इस प्रकार का खाना

संतुलन बनाये रखने के लिए इस प्रकार के खाने से बचें:

  • चीनी
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
  • मक्खन
  • लाल मांस त
  • ले हुए खाद्य पदार्थ
  • नमक
  • चीज़
  • कुछ दवाइयों से बचें

ऐसी दवाइयां जो आपको नुक्सान पहुंचा सकती हैं उनके सेवन से बचें। कोशिश करें कि आप वही दवाइयां लें जो आपको आपके डॉक्टर ने बताई हों निम्न प्रकार की दवाइयों का सेवन न करें:

  • एंटीडीप्रेस्संट्स
  • हाइपरटेंशन ड्रग्स
  • एंटीएंग्जायटी मेडीकेशन
  • नींद की गोलियां
  • मेटफॉरमिन

17. कसरत करें

एक्सरसाइज यानि कि कसरत को दुनिया की हर बीमारी का इलाज बताया गया है कसरत करने के दौरान ऑक्सीजन की मात्रा शरीर में बढती है और शरीर को ज़रूरी तत्त्व मिलते हैं। कसरत करने से शरीर का पूरी तरह से विकास होता है और इंसान अपने भीतर एक नयी उर्जा को महसूस करने लगता है। 

18. रहें तनाव मुक्त

तनाव आज की दुनिया में इंसान की सेहत का सबसे बड़ा क्षत्रु बन चुका है लोग इतने ज्यादा तनाव ग्रस्त रहने लगे हैं कि उनकी आधी से ज्यादा बीमारियाँ केवल तनाव के कारण से हैं महत्त्वपूर्ण ये है कि लोग इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सेहत उनका प्रथम लक्ष्य होना चाहिए और उसके लिए सबसे ज़रूरी है कि वे अपने तनाव को भूल जायें। 

जब हम तनाव ग्रस्त होते हैं तो हमारा शरीर कोर्टिसोल नामक हॉर्मोन रिलीज़ करता है कोर्टिसोल दिमाग की मेमोरी प्रक्रिया को काफी ख़राब कर देता है ,खासकर दीर्घकालिक यादें प्राप्त करने की हमारी क्षमता। मस्तिष्क को कमजोर करने के लिए जानवरों के अध्ययन में तनाव और अवसाद भी दिखाए गए हैं।

4 thoughts on “मेमोरी (याददाश्त) तेज करने के उपाय और घरेलु नुश्खे”
  1. mere dost ki yaddasht bahut kam hai. main use badam khane ki salah deta hoon. kya badam khane se fayde milte hain? kripya batayein.

  2. tomorrow is my history exam yesterday i revised whole syllabus but right now i dont even remember the name of the chapters what should i do ? please give suggestion

  3. kyaa aisa sach mein hotaa hai ki mote logon ki memory weak hoti hai?? main motaa hoon lekin memory to bilkul theek hai

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