चीन अब जापान के साथ अधिक सौहार्दपूर्ण संबंधों को विकसित करना चाहता है। रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने जापानी समकक्ष के साथ सकारात्मक चर्चा की और विवादों से दूर रहने का संकल्प लिया। दूसरे विश्व युद्ध के समय से ही चीन व जापान के बीच में संबंध दर्दनाक बने हुए है।
युद्ध को लेकर अक्सर बीजिंग व जापान के बीच में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते रहे है। विदेश मंत्री वांग यी ने चीन की यात्रा करने के लिए उनके देश आए जापानी विदेश मंत्री तारो कोनो का स्वागत किया।
कहा कि इस वर्ष चीन और जापान के बीच शांतिपूर्ण और मित्रवत संधि समझौता संपन्न करने की 40वीं वर्षगांठ है, जो द्विपक्षीय संबंधों के लिए विशेष महत्व है। जापान व चीन अब रिश्तों को बेहतर बनाने की तीव्र इच्छा रख रहे है ताकि बेहतर संबंध दोनों देशों के लिए अच्छे हो।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि जापान के साथ थोडे बहुत मतभेद जरूर है लेकिन सकारात्मक प्रगति भी हुई है। आगे कहा कि चीन ने हाल ही में जापान की तरफ से आए सकारात्मक बयानों पर ध्यान दिया है और हमें उम्मीद है कि जापान अपने दोहराए गए शब्दों को आवश्यक रूप से पूरा करेगा। बाद में जापानी विदेश मंत्री ने चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात की।
उत्तर कोरिया मुद्दे को साथ में मिलकर सुलझाएंगे
मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों ने एशिया और विश्व की समृद्धि और बड़े पैमाने पर समृद्धि की सुरक्षा में एक बड़ी जिम्मेदारी साझा की है। कोनो ने कहा कि हमें केवल द्विपक्षीय संबंधों को ही सुधारने की जरूरत नहीं है अपितु वैश्विक मुद्दों का भी निपटारा साथ में मिलकर करना चाहिए, खासतौर पर उत्तर कोरिया मुद्दा।
हम इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने की इच्छा रखते है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने में मदद करने के लिए जापान ने बार-बार चीन पर दबाव डाला है।