बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को हरियाणा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ अभियान के चेहरे के रूप में हटाया नहीं गया है, बल्कि इसके साथ उनका जुड़ाव अप्रैल 2017 में ही समाप्त हो गया था।
ऐसी खबरें थीं कि परिणीति को हरियाणा के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के चेहरे के रूप में हटा दिया गया था। व्यापक रूप से ऐसा माना जा रहा था कि उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ ट्वीट किया था जिसके कारण उनके खिलाफ ये कदम उठाया गया।
17 दिसंबर को, अभिनेत्री ने ट्वीट किया था-“जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है।”
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संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद नागरिक्ता संशोधन अधिनियम (कानून) बन चुका है।
इसके माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों हिंदु, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। परिणीति पहली ऐसी अभिनेत्री नहीं हैं, जिनको काम से निकाला गया है।