अमिताभ बच्चन भारतीय फिल्मो के अभिनेता, गायक, निर्माता और होस्ट हैं। उन्हें ज्यादातर हिंदी फिल्मो में अभिनय करते हुए देखा जाता है। अमिताभ बच्चन ने अपने अभिनय की शुरुआत साल 1969 से की थी। अमिताभ बच्चन ने कुछ रियलिटी शोज में होस्टिंग का काम भी किया है।
अमिताभ बच्चन द्वारा किए गए फिल्मो की बात करे तो उन्होंने ‘ज़ंजीर’, ‘नमक हराम’, ‘दीवार’, ‘शोले’, ‘डॉन’, ‘कुली’, ‘तूफ़ान’, ‘अग्निपथ’, ‘हम’, ‘मोहब्बतें’, ‘बाग़बान’, ‘कभी ख़ुशी कभी गम’, ‘ब्लैक’, ‘पा’, ‘पीकू’ जैसी कई और बड़ी बड़ी फिल्मो में अभिनय किया है। अमिताभ बच्चन ने अपने अभिनय की वजह से कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम किया है। उनकी जीवनी पर कई सारे लेखकों ने किताबे भी लिखी हैं।
अमिताभ बच्चन ने ना केवल अपने अभिनय की वजह से अवार्ड्स जीता है बल्कि उन्हें कई सारे और बड़े बड़े अवार्ड्स से भी नवाज़ा जा चूका है। उन्होंने हिंदी टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में साल 2000 से होस्टिंग का काम शुरू किया था। अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड इंडस्ट्री में ‘शहनशा’, ‘बादशा’, ‘लेजंड’ और भी बहुत नामो से पुकारा जाता है।
अमिताभ बच्चन का प्रारंभिक जीवन
अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को अलाहबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। अमिताभ के पिता का नाम ‘हरिवंश राय बच्चन’ है जो एक मशहूर हिंदी कवि लेखक के रूप में जाने हैं। उनकी माँ का नाम ‘तेजी बच्चन’ है जिन्होंने अमिताभ को पैदा किया था। अमिताभ का पालन पोषण करने वाली माँ का नाम ‘श्यामा’ है। अमिताभ के एक भाई हैं जिनका नाम ‘अजिताभ बच्चन’ है और वह पेशे से एक बिजनसमैन हैं।
अमिताभ का पहले का नाम ‘इन्किलाब श्रीवास्तवा’ था जिसे उनके पिता ने बदल कर ‘अमिताभ बच्चन’ रख दिया था। अमिताभ का मतलब होता है ‘एक रौशनी जो कभी ना बुझती हो’। यह नाम हरिवंश बच्चन के दोस्त ‘सुमित्रानंदन पंत’ ने उन्हें बताया था जिसके बाद हरिवंश ने अपने बेटे का नाम इन्किलाब से बदल कर अमिताभ रखा था।
अमिताभ ने अपने स्कूल की पढाई ‘जनाना प्रमोधिनी’ और ‘बॉयज हाई स्कूल’, अलाहबाद से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘शेरवुड कॉलेज’, नैनीताल, ‘गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर – 11’, चंडीगढ़ (यहाँ सिर्फ 25 दिन ही गए थे) और ‘किरोड़ी मॉल कॉलेज’, नई दिल्ली से अपने कॉलेज की पढाई ख़त्म की थी और ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी।
व्यवसाय जीवन
अमिताभ बच्चन का फिल्मो का शुरुआती दौर
अमिताभ बच्चन ने अपनी पढाई पूरी करने के बाद साल 1969 में अपने व्यवसाय जीवन की शुरुआत की थी। अमिताभ सबसे पहले एक अभिनेता नहीं बल्कि एक कथावाचन के रूप में फिल्म का हिस्सा बने थे। उन्होंने हिंदी फिल्म ‘भुवन शोमे’ में कथावाचन के रूप में काम किया था। इस फिल्म ने कई सारे अवार्ड्स को जीता था।
साल 1969 में ही अमिताभ बच्चन ने हिंदी फिल्मो में अपने अभिनय को दर्शाना शुरू किया था। उनके द्वारा अभिनय की गई सबसे पहली फिल्म का नाम ‘सात हिंदुस्तानी’ था जिसके निर्देशक ‘ख्वाजा अहमद अब्बास’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘अनवर अली’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख किरदारों को उत्पल दत्त, अनवर अली, मेहमूद, मधु, जलाल अघा, शहनाज़ और अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया था।
साल 1970 में उन्हें फिल्म ‘बॉम्बे टॉकी’ में देखा गया था, जिसके निर्देशक ‘जेम्स आइवरी’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
साल 1971 की बात करे तो उस साल अमिताभ को सबसे पहले हिंदी फिल्म ‘परवाना’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘ज्योति स्वरुप’ थे और फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘कुमार सेन’ था। इस फिल्म में मुख्य किरदार को ओम प्रकाश, श्रतुघ्न सिन्हा, योगिता बालि, नविन निश्चौल और अमिताभ बच्चन ने निभाया था।
उसी साल अमिताभ को हिंदी फिल्म ‘आनंद’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था, जिसमे उन्होंने ‘डॉक्टर भास्कर बनर्जी’ उर्फ़ ‘बाबू मोशाय’ नाम का किरदार दर्शाया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को राजेश खन्ना दर्शा रहे थे। राजेश खन्ना के साथ सहायक किरदारों को अमिताभ बच्चन, सुमिता सान्याल, रमेश देओ और सीमा देओ ने अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘प्यार की कहानी’ में देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘राम चंद’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘रविकांत नगाइच’ थे।
साल 1971 में ही अमिताभ को दो और फिल्मो में देखा गया था, जिनमे से एक का नाम ‘रेशमा और शेरा’ था। इस फिल्म में उन्होंने ‘छोटू’ का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘गुड्डी’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने जया बच्चन के साथ पहली बार अभिनय किया था। फिल्म में अमिताभ का एक कैमिओ किरदार दिखने को मिला था।
साल 1972 का साल अमिताभ बच्चन के लिए कुछ ज़्यादा सफल नहीं रहा था। उन्होंने उस साल कुल 9 फिल्मो में अभिनय किया था और उनमे से लगभग सभी फिल्मे फ्लॉप लिस्ट में शामिल हुई थी। फिल्मो की बात करे तो उस साल सबसे पहले अमिताभ को ‘एस. एस. बालन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘संजोग’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘मोहन’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उसी साल उन्होंने फिल्म ‘पिया का घर’ में भी अभिनय किया था।
इसके बाद अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘बॉम्बे तो गोआ’ में देखा गया था, जिसमे उन्होंने ‘रवि कुमार’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने ‘बावर्ची’ नाम की फिल्म में एक बार फिर कथावाचन का काम किया था। उसी साल अमिताभ ने ‘प्रकाश वर्मा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बंसी बिर्जू’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘बिर्जू’ ही था। इसके बाद उन्होंने ‘एक नज़र’, ‘रास्ते के पत्थर’, ‘गरम मसाला’, ‘जबान’ जैसी फिल्मो में अभिनय किया था। हालांकि अमिताभ की यह सभी फिल्मे बॉक्स ऑफिस में फ्लॉप रहीं थीं।
अमिताभ बच्चन का फिल्मो का बाद का सफर
साल 1973 में अमिताभ ने सुपरहिट फिल्म के साथ उस साल की शुरुआत की थी। उन्हें ‘प्रकाश महरा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ज़ंजीर’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘इस्पेक्टर विजय खन्ना’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म ने अमिताभ को बॉलीवुड इंडस्ट्री का ‘एंग्री यंग मैन’ बनाया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन के साथ जया बच्चन, प्राण, अजित और बिंदु ने अभिनय किया था।
उसी साल अमिताभ ने ‘ओ. पि. गोयले’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बंधे हाथ’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने दो किरदारों को दर्शाया था जिनका नाम ‘श्याम’ और ‘दीपक’ था। इसके बाद अमिताभ को ‘सी. वि. श्रीधर’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘गहरी चाल’ में देखा गया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘रतन’ था। इसके बाद भी अमिताभ ने ‘अभिमान’, ‘सौदागर’, ‘नमक हराम’, ‘बड़ा कबूतर’ जैसी फिल्मो में अभिनय किया था।
साल 1974 में सबसे पहले अमिताभ बच्चन को फिल्म ‘दोस्त’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘दुलाल गुहा’ थे और फिल्म में मुख्य किरदार को धर्मेंदर, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा, रेहमान और अमिताभ बच्चन ने दर्शाया था। फिल्म में अमिताभ ने ‘आनंद’ नाम का किरदार अभिनय किया था, जो की एक कैमिओ किरदार था। इसके बाद अमिताभ ने ‘अरविंद सेन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कसौटी’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘अमिताभ शर्मा’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1974 में ही अमिताभ को फिल्म ‘बेनाम’ में देखा गया था जिसके निर्देशक ‘नरेंद्र बेदी’ थे। उस फिल्म में उन्होंने ‘अमित श्रीवास्तव’ नाम का किरदार दर्शाया था। इसके बाद अमिताभ ने एक और सुपरहिट फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘रोटी कपडा और मकान’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मनोज कुमार’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
उसी साल अमिताभ को ‘मेहमूद अली’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कुंवारा बाप’ में एक मुख्य उपस्थिति को दर्शाते हुए देखा गया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘एन्थोनी’ था। इसके बाद साल का अंत अमिताभ ने ‘रवि टंडन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मजबूर’ के साथ किया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘रवि खन्ना’ नाम का किरदार दर्शाया था। फिल्म में अमिताभ के अलावा परवीन बाबी, प्राण, मदन पूरी, रेहमान और फरीदा जलाल ने मुख्य किरदारो को दर्शाया था।
अमिताभ बच्चन का फिल्मो का सफल सफर
साल 1975 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म ‘दीवार’ के साथ साल की शुरुआत की थी। इस फिल्म के निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय वर्मा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को शशि कपूर, अमिताभ बच्चन, निरुपा रॉय, नीतू सिंह और प्रवीण बाबी ने अभिनय किया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में बेहतरीन कमाई की थी।
उस साल अमिताभ ने हिट फिल्म ‘ज़मीर’ में भी अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘रवि चोपड़ा’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, सैरु बनु, शम्मी कपूर, मदन पूरी और विनोद खन्ना ने अभिनय किया था। इस फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘बादल’ था। इसके बाद उन्होंने ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘शोले’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘रमेश सिप्पी’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘जय’ (जयदेव) नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को जया बच्चन, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्रे, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और अमजद खान ने अभिनय किया था। इस फिल्म ने कई सारे अवार्ड्स को अपने नाम किया था।
इसके बाद अमिताभ को अगली फिल्म ‘फरार’ में देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘राज’ (राजेश) नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने ‘बासु चटर्जी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘छोटी सी बात’ में एक कैमिओ किरदार दर्शाया था। उसी साल अमिताभ ने ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘चुपके चुपके’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘सुकुमार सिन्हा’ और ‘परिमल त्रिपाठी’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
उस साल का अंत अमिताभ ने ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मिली’ के साथ किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदार को जया बच्चन, अमिताभ बच्चन और अशोक कुमार ने अभिनय किया था। फिल्म में अमिताभ ने ‘शेखर दयाल’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1976 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने पांच फिल्मो में काम किया था। उस साल की उनकी पहली फिल्म ‘दो अनजान’ थी, जिसमे उन्होंने ‘अमित रॉय’ और ‘नरेश दत्त’ नाम के दो किरदारों का अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘दुलाल गुहा’ थे। इसके बाद अमिताभ ने फिल्म ‘कभी कभी’ में अभिनय किया था, जिसमे उनके किरदार का नाम ‘अमिताभ मल्होत्रा’ था।
उसी साल उन्होंने फिल्म ‘हेरा फेरी’ में अभिनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘विजय’ और ‘इंस्पेक्टर हीराचंद’ नाम के दो किरदारों को दर्शाया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रकाश महरा’ थे और फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, सैर बेनु, असरानी और श्रीराम लागू ने दर्शाया था। इसके बाद अमिताभ को नरेंद्र बेदी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अदालत’ में देखा गया था। इसके बाद उन्होंने ‘तरुन मजूमदार’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बालिका वधु’ में भी अभिनय किया था।
साल 1977 में अमिताभ ने फिल्म ‘चरणदास’ में अभिनय किया था, जिसमे उन्होंने ‘क़व्वाली गायक’ का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को ‘अमर अकबर एन्थोनी’ में देखा गया था जिसके निर्देशक ‘मनमोहन देसाई’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘एन्थोनी गोंसाल्वेस’ नाम का किरदार अभिनय किया था और उनके साथ मुख्य किरदारों को ऋषि कपूर और प्रवीन बाबी ने अभिनय किया था। इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस में बेहतरीन कमाई की थी।
उसी साल अमिताभ ने ‘देश मुख़र्जी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इम्मान धर्म’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘अहमद रज़ा’ था। इसके बाद उन्हें ‘राकेश कुमार’ की फिल्म ‘खून पसीना’ में देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘शिवा’ और ‘टाइगर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ ने ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘परवरिश’, ‘चला मुरारी हीरो बनने’ और ‘अलाप’ फिल्मो में अभिनय किया था।
साल 1978 की बात करे तो उन्हें उस साल सबसे पहले फिल्म ‘गंगा की सौगंध’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘जीवा’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म के निर्देशक ‘सुल्तान अहमद’ थे। इसके बाद अमिताभ ने ‘रमेश बहल’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कस्मे वादे’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘अमित’ और ‘शंकर’ था।
उसी साल अमिताभ ने ‘देवें वर्मा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बेशरम’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘राम कुमार चंद्र’ और ‘प्रिंस चंद्रशेकर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें ‘त्रिशूल’ फिल्म में देखा गया था जिसमे उनके किरदार का नाम ‘विजय कुमार’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘यश चोपड़ा’ थे।
साल 1978 में ही अमिताभ बच्चन ने एक बड़ी फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘डॉन’ था। इस फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमन, प्राण, हेलेन, ओम शिवपुरी और पिंचू कपूर ने दर्शाया था। फिल्म में अमिताभ ने ‘डॉन’ और ‘विजय’ नाम के दो किरदारों को दर्शाया था।
उसी साल अमिताभ को ‘प्रकाश महरा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मुक़दर का सिकंदर’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘सिकंदर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, रेखा, राखी और अमजद खान ने अभिनय ने अभिनय किया था।
साल 1979 में भी अमिताभ बच्चन का सफर कुछ खास नहीं रहा था। उन्होंने उस साल कुल 9 फिल्मो में अभिनय किया था जिनके नाम ‘द ग्रेट गैम्बलर’, ‘गोल माल’, ‘अहसास’, ‘जुर्माना’, ‘मंज़िल’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘काला पत्थर’, ‘सुहाग’ और ‘सिनेमा सिनेमा’ थे। इनमे से एक कला पत्थर फिल्म को छोड़ कर बाकी सभी फिल्मो को बॉक्स ऑफिस में फ्लॉप फिल्मो की सूचि में अपना नाम दर्ज करना पड़ा था।
साल 1980 में अमिताभ को सबसे पहले फिल्म ‘दो और दो पांच’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘विजय’ और ‘राम’ का किरदार अभिनय किया था। फिल्म के निर्देशक का नाम ‘राकेश कुमार’ था। इसके बाद उसी साल अमिताभ बच्चन ने फिल्म ‘दोस्ताना’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज खोसला’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय वर्मा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, ज़ीनत अमन, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पूरी, हेलेन, प्राण और पैंताल ने अभिनय किया था।
उसी साल अमिताभ को ‘विजय आनंद’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘राम बलराम’ में देखा गया था, जिसमे उन्होंने ‘बलराम सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की उनकी आखरी फिल्म ‘रमेश सिप्पी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘शान’ थी। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय कुमार’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1981 में अमिताभ को फिल्म ‘कमांडर’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘ट्रक ड्राइवर’ का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने ‘राकेश कुमार’ की एक और फिल्म में अभिनय किया था, जिसका नाम ‘याराना’ था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘किशन कुमार’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की अमिताभ की तीसरी फिल्म का नाम ‘बरसात की एक रात’ था, जिसमे उन्होंने ‘एसीपी अभिजीत राय’ नाम का किरदार अभिनय था।
उसी साल अमिताभ ने ‘नसीब’ फिल्म में अभिनय किया था जिसमे उनके किरदार का नाम ‘जॉनी’ था। फिल्म के निर्देशक ‘मनमोहन देसाई’ थे। इसके बाद अमिताभ को ‘साई पारंजपीऐ’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘चश्मे बदूर’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने एक मुख्य उपस्थिति को दर्शाया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘लावारिस’ में देखा गया तह जिसमे उन्होंने ‘हीरा’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1981 की सबसे बेहतरीन फिल्म में अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया था। इस फिल्म का नाम ‘सिलसिला’ था और फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, जया बच्चन और रेखा ने अभिनय किया था। फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘अमित मल्होत्रा’ था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘कालीआ’ में देखा गया था, जिसमे उनके किरदार का नाम ‘कल्लू’ ‘और ‘कालू’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘टिन्नू आनंद’ थे। इसके बाद अमिताभ ने उस साल के अंत में अपना डेब्यू पंजाबी फिल्मो में किया था। इस फिल्म का नाम ‘विलायती बाबू’ था और फिल्म में अमिताभ ने कैमिओ किरदार को दर्शाया था।
साल 1982 में अमिताभ ने फिल्म ‘सट्टे पे सट्टा’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राज एन. सिप्पी’ थे और फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘रवि आनंद’ और ‘बाबू’ था।
इसके बाद अमिताभ ने फिल्म ‘बेमिसाल’ में अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘हृषिकेश मुख़र्जी’ थे। फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ के साथ साथ विनोद खन्ना, राखी, देवेन वर्मा और ओम शिवपुरी ने अभिनय किया था। यह फिल्म दर्शको को बहुत पसंद आई थी। इसके बाद अमिताभ ने फिल्म ‘देश प्रेम’ में अभिनय किया था जिसमे उन्होंने ‘मास्टर दीनानाथ’ और ‘राजू’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
उसी साल अमिताभ को फिल्म ‘नमक हलाल’ में भी देखा गया था जिसके निर्देशक ‘प्रकाश महरा’ थे। इस फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, स्मिता पाटिल, शशि कपूर, परवीन बाबी और वहीदा रेहमान ने अभिनय किया था। फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘अर्जुन सिंह’ था। इसके बाद अमिताभ को उसी साल दो और फिल्मो में देखा गया था जिनका नाम ‘खुद-दार’ और ‘शक्ति’ था।
साल 1983 में अमिताभ ने कुल पांच फिल्मो में अभिनय किया था। इन फिल्मो के नाम ‘नास्तिक’, ‘अंध कानून’, ‘महान’, ‘पुकार’, ‘कुली’ थे। इन सभी फिल्मो में से ‘नास्तिक’, ‘अँधा कानून’ और ‘कुली’ फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। फिल्म ‘कुली’ को फिल्माते समय ही अमिताभ बच्चन को बहुत चोट लगी थी, जिसकी वजह से उन्हें कुछ समय तक हॉस्पिटल में भी रहना पढ़ा था।
साल 1984 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने सबसे पहले ‘फिल्म इन्किलाब’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘अमरनाथ’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘ख़बरदार’ में अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘कानून क्या करेगा’ में देखा गया था, जिसमे उन्होंने एक कथावाचन की भूमिका निभाई थी।
उसी साल अमिताभ बच्चन ने दो और फिल्मो में अभिनय किया था जिनका नाम ‘पान खाये सैयां हमार’ और ‘पेट प्यार और पाप’ था। इन दोनों फिल्मो में अमिताभ ने ‘कैमिओ’ किरदार को दर्शाया था। उसी साल की अमिताभ की आखरी फिल्म ‘शराबी’ थी जिसके निर्देशक ‘प्रकाश महरा’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘विक्की कपूर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस में अपना नाम हिट फिल्मो की लिस्ट में शामिल किया था।
साल 1985 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने सबसे पहले फिल्म ‘गिरफ्तार’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘प्रयाग राज’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘इंस्पेक्टर करन कुमार खन्ना’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘ग़ुलामी’ में भी देखा गया था जिसमे उन्होंने एक कथावाचक की भूमिका निभाई थी।
उसी साल अमिताभ ने एक हिट फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘मर्द’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘ममोहन देसाई’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘राजू’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को तो दर्शको ने पसंद किया ही था और इस फिल्म का डायलॉग “मर्द को दर्द नहीं होता” यह भी बहुत लोकप्रिय हुआ था।
साल 1986 में अमिताभ ने एक ही फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘आख़री रास्ता’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘के. भाग्यराज’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘डेविड’ और ‘विजय सांडिल्य’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद साल 1987 में अमिताभ को ‘पंकज पराशर’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘जलवा’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने कैमिओ किरदार को दर्शाया था।
साल 1988 में अमिताभ को सबसे पहले फिल्म ‘कौन जीता कौन हारा’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने कैमिओ किरदार दर्शाया था। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘शहनशा’ में देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘इंस्पेक्टर विजय कुमार श्रीवास्तव’ और ‘शहनशा’ नाम के किरदारों को दर्शाया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘टिन्नू आनंद’ थे और फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन और मिनाक्षी शेषाद्रि ने अभिनय किया था।
अमिताभ ने उसी साल फिल्म ‘हीरो हीरालाल’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘केतन मेहता’ थे और फिल्म में अमिताभ ने एक मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी। इसी के साथ उन्हें फिल्म ‘गंगा जमुना सरवती’ में भी अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘गंगा प्रसाद’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म के निर्देशक ‘मनमोहन देसाई’ थे।
साल 1989 में अमिताभ को सुपरहिट फिल्म ‘तूफ़ान’ में भी देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘केतन देसाई’ थे फिल्म में अमिताभ ने ‘श्याम’ और ‘तूफ़ान’ नाम क किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘बटवारा’ में एक बार फिर कथावाचक की भूमिका निभाई थी।
उसी साल अमिताभ को फिल्म ‘जादूगर’ में देखा गया था जिसके निर्देशक ‘प्रकाश महरा’ थे। फिल्म में अमिताभ ने ‘गोगा’ और ‘गोगेश्वर’ नाम के दो किरदारों को दर्शाया था। इसके बाद उन्होंने साल का अंत फिल्म ‘मैं आज़ाद हूँ’ के साथ किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘टिन्नू आनंद’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘आज़ाद’ नाम का ही किरदार दर्शाया था।
साल 1990 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने फिल्म ‘अग्निपथ’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मुकुल एस. आनंद’ थे और फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम ‘विजय दीनानाथ चौहान’ था। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ के साथ मिथुन चक्रबोर्ती, माधवी, नीलम कोठरी, रोहिणी और डनण्य ने अभिनय किया था। इस फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था। इसके बाद उसी साल अमिताभ ने दो और फिल्मो में अभिनय किया था जिनका नाम ‘क्रोध’ और ‘आज का अर्जुन’ था।
साल 1991 की शुरुआत अमिताभ ने ‘मुकुल एस. आनंद’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘हम’ के साथ की थी। इस फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ, रजनीकांत, गोविंदा, शिल्पा, अनुपम, डनण्य और कादर खान ने दर्शाया था। फिल्म में अमिताभ ने ‘टाइगर’ और ‘शेखर मल्होत्रा’ नाम के दो किरदारों को दर्शाया था।
इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘अजूबा’ में अभिनय किया था, जिसके निर्देशक ‘शशि कपूर’ और ‘गेनादी वासिलवे’ थे। फिल्म में अमिताभ ने ‘अजूबा’ और ‘ज़फर अली रिज़वान’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने फिल्म ‘इंद्रजीत’ में अभिनय किया था। फिल्म में अमिताभ के किरदार का नाम भी ‘इंद्रजीत’ ही था और फिल्म के निर्देशक ‘के. वि. राजू’ थे।
साल 1992 में अमिताभ को फिल्म ‘खुदा गवाह’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘मुकुल एस. आनंद’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘बादशाह खान’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म को भी दर्शको ने बहुत पसंद किया था। उसी साल उन्होंने फिल्म ‘ज़ुल्म की हुकूमत’ में एक कथावाचन के किरदार को दर्शाया था।
साल 1993 में में अमिताभ बच्चन ने फिल्म ‘प्रोफेसर की पड़ोसन’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने एक उपस्थिति दर्शाई थी।
साल 1994 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने फिल्म ‘इंसानियत’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘इंस्पेक्टर अमर’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘टोनी जुनेजा’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को सनी देओल, रवीना टंडन, जया प्रदा, चंकी पांडेय, विनोद महरा, नूतन, अनुपान खेर और अमिताभ बच्चन ने अभिनय किया था। इसके बाद साल अमिताभ ने फिल्म ‘अक्का’ में कैमिओ किरदार दर्शाया था।
साल 1996 में अमिताभ ने सबसे पहले फिल्म ‘घातक: लीथल’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राजकुमार संतोषी’ थे और फिल्म में अमिताभ ने कैमिओ किरदार दर्शाया था। इसके बाद उसी साल अमिताभ को फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ में काम किया था। इस फिल्म में उन्होंने एक कथावाचन की भूमिका निभाई थी।
साल 1997 में अमिताभ ने एक ही फिल्म में अभिनय किया था। इस फिल्म का नाम ‘मृत्युदाता’ था जिसमे उन्होंने ‘डॉ. राम प्रसाद घायल’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म ने निर्देशक ‘मेहुल कुमार’ थे।
साल 1998 में अमिताभ ने तीन फिल्मो में काम किया था। उन्होंने उस साल सबसे पहले ‘मेजर साब’ नाम की फिल्म में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘टिन्नू आनंद’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘मेजर जसबीर सिंह राणा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने दूसरी फिल्म ‘बड़े मिया छोटे मिया’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘डेविड धवन’ थे और फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, गोविंदा, परेश रावल, रवीना टंडन और रम्य कृष्णन ने दर्शाया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह’ उर्फ़ ‘बड़े मिया’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 1999 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने 6 फिल्मो में काम किया था। सबसे पहले उस साल अमिताभ को ‘के. सी. बोकड़ीआ’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘लाल बादशाह’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘लाल बादशाह’ और ‘रणभीर सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उनके साथ फिल्म में मुख्य किरदारों को दर्शाते हुए रघुवरन, मनीषा कोइराला, शिल्पा शेट्टी और अमरीश पूरी को देखा गया था। फिल्म ने दर्शको का दिल जीता था और अपना सफल फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
इसके बाद उसी साल की अमिताभ की दूसरी फिल्म का नाम ‘सूर्यवंशम’ था जिसके निर्देशक ‘इ. वि. वि. सत्यनारायण’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने दो किरदारों को दर्शाया था जो की एक बेटे और एक बाप का था। फिल्म में बेटे के किरदार का नाम ‘हीरा सिंह’ था और बाप के किरदार का नाम ‘ठाकुर भानु प्रताप सिंह’ था। इस फिल्म को भी दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
अमिताभ ने उस साल फिल्म ‘बीवी नंबर 1’ में एक कैमिओ दर्शाया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘हिंदुस्तान की कसम’ में अभिनय किया था जिसमे उनके किरदार का नाम ‘कबीरा’ था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘कोहराम’ में देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘करनल बलबीर सिंह सोडी’ नाम का किरदार दर्शाया था। इसके बाद अमिताभ को ‘सोहेल खान’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘हेलो ब्रदर’ में भाग की आवाज़ में कथावाचन करते हुए सुना गया था।
साल 2000 में अमिताभ ने एक और बेहतरीन फिल्म में अभिनय किया था। इस का नाम ‘मोहब्बतें’ था जिसके निर्देशक ‘आदित्य चोपड़ा’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘नारायण शंकर’ नाम का किरदार अभिनय किया था जो की कॉलेज के प्रिंसिपल का नाम होता है। फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ मुख्य किरदार को शाहरुख़ खान और ऐश्वर्या राय बच्चन ने अभिनय किया था। इस फिल्म ने दर्शको का बहुत प्यार पाया था और फिल्म को सुपरहिट फिल्मो की सूचि में दर्ज किया गया था।
साल 2001 में अमिताभ को सबसे पहले ‘सुनील दर्शन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एक रिश्ता: द बांड ऑफ़ लव’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय कपूर’ नाम का किरदार अभिनय किया था और उनके साथ मुख्य किरदारों को अक्षय कुमार, जूही चावला, करिश्मा कपूर और राखी ने दर्शाया था।
उसी साल अमिताभ एक बड़ी फिल्म का हिस्सा बने थे जिसके निर्देशक ‘आशुतोष गोवारिकर’ थे। फिल्म का नाम ‘लगान’ था और अमिताभ ने फिल्म ने कथावाचन की भूमिका दर्शाई थी। इसके बाद उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘अक्स’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘राकेशए ओमप्रकाश महरा’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘इंस्पेक्टर मनु वर्मा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2001 में ही एक बार फिर अमिताभ को एक बड़ी फिल्म में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘करन जौहर’ थे और फिल्म का नाम ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’ था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘यशवर्धन रायचंद’ नाम का किरदार अभिनय किया था और फिल्म में मुख्य किरदार को अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख़ खान, काजोल, ह्रितिक रोशन और करीना कपूर ने दर्शाया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2002 की शुरुआत अमिताभ बच्चन ने फिल्म ‘आँखें’ के साथ की थी। इस फिल्म में उन्होंने ‘विजय सिंह राजपूत’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल की उनकी दूसरी फिल्म का नाम ‘हम किसीसे कम नहीं’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘डेविड धवन’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘डॉ. रस्तोगी’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
अमिताभ को इसके बाद फिल्म ‘अग्नि वर्षा’ में देखा गया था जिसमे उनके किरदार का नाम ‘इंद्र’ था। इस फिल्म में अमिताभ ने कैमिओ किरदार दर्शाया था। उस साल की अमिताभ की आखरी फिल्म ‘कांटे’ थी जिसके निर्देशक ‘संजय गुप्ता’ थे। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘यशवर्धन रामपाल’ उर्फ़ ‘मेजर’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2003 में सबसे पहले अमिताभ ने फिल्म ‘ख़ुशी’ में एक कथावाचन की भूमिका को निभाया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने ‘हनी इराइन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अरमान’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के अमिताभ के किरदार का नाम ‘डॉ. सिद्धार्थ सिन्हा’ था। इसके बाद एक बार फिर अमिताभ ने फिल्म ‘मुंबई से आया मेरा दोस्त’ में कथावाचन की भूमिका निभाई थी।
इसके बाद अमिताभ को ‘कैज़ाद गुस्ताद’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बूम’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘बड़े मिया’ नाम का किरदार दर्शया था और फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन, गुलशन ग्रोवर, जैकी श्रॉफ, ज़ीनत अमन और कैटरीना कैफ़ ने अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बिलकुल पसंद नहीं किया था।
उसी साल अमिताभ ने एक और सुपरहिट फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘बाग़बान’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘रवि चोपड़ा’ थे और फिल्म में अमिताभ के ‘राज मल्होत्रा’ नाम का किरदार अभिनय का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था और फिल्म ने भी बेहतरीन कमाई के साथ अपना नाम ब्लॉकबस्टर फिल्मो की सूचि में दर्ज किया था।
साल 2004 में अमिताभ ने दो फिल्मो में कथावाचन की भूमिका निभाई थी। फिल्मो के नाम ‘रुद्राक्ष’ ‘और ‘इन्साफ: द जस्टिस’ थे। इसके बाद उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘खाकी’ में अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘राजकुमार संतोषी’ थे। फिल्म में अमिताभ ने ‘डीसीपी अनंत कुमा श्रीवास्तव’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘एतबार’ में अभिनय किया था।
अमिताभ ने उसी साल फिल्म ‘देव’, ‘लक्ष्य’, ‘दीवार’, ‘क्यों! हो गया ना’, ‘हम कौन हैं?’, ‘वीर – ज़ारा’, ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो’ जैसी फिल्मो में अभिनय किया था। इनमे से कुछ फिल्मो ने बॉक्स ऑफिस में अच्छी कमाई की थी और कुछ फिल्मो को बॉक्स ऑफिस में फ्लॉप फिल्मो की सूचि में अपना नाम दर्ज करना पड़ा था।
साल 2005 की शुरुआत अमिताभ ने एक बड़ी फिल्म के साथ किया था। इस फिल्म का नाम ‘ब्लैक’ था और फिल्म में अमिताभ ने ‘देबराज सहाई’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘संजय लीला भंसाली’ थे। फिल्म में मुख्य किरदारों को अमिताभ बच्चन और रानी मुख़र्जी ने दर्शाया था।
इसके बाद अमिताभ ने उसी साल फिल्म ‘वक़्त: द रेस अगेंस्ट टाइम’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘बंटी और बबली’, ‘पहेली’, ‘सरकार’, ‘वरुद्ध…. फॅमिली कमस फर्स्ट’, ‘दिल जो भी कहे’ और ‘एक अजनबी’ में अभिनय था। अमिताभ ने फिल्म ‘परिणीता’ में एक कथावाचक की भूमिका भी निभाई थी।
साल 2006 में उन्हें फिल्म ‘फॅमिली’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘वीरेंदर सहाई’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उसी साल अमिताभ ने ‘राम गोपाल वर्मा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘डरना ज़रूरी है’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘सुनील खन्ना’ था। उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘कभी अलविदा ना कहना’ में अभिनय किया था जिसमे उन्होंने ‘समरजीत तलवार’ नाम के किरदार को दर्शाया था।
उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘गंगा’ और ‘बाबुल’ में अभिनय किया था।
साल 2007 में अमिताभ ने सबसे पहले फिल्म ‘एक्लव्ये: द रॉयल गार्ड’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘विधु विनोद चोपड़ा’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘एक्लव्ये’ नाम का ही किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘चीनी कम’ में अभिनय करते हुए देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘आर. बाल्कि’ और फिल्म में अमिताभ ने ‘बुद्धादेव गुप्ता’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2007 में ही अमिताभ ने शूटआउट एट लोखंडवाला’, ‘स्वामी’, ‘झूम बराबर झूम’, ‘आग’, ‘द लास्ट ईयर’ और ‘ओम शांति ओम’ में भी अपने अभिनय को दर्शाया था।
साल 2008 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने फिल्म ‘जोधा अख़बार’ में कथावाचन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्हें ‘अशोक गुप्ता’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘यार मेरी ज़िंदगी’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘डॉ अजय सिंह’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
इसके बाद अमिताभ ने एक बार फिर सुपरहिट फिल्म में अभिनय किया था जिसका नाम ‘भूतनाथ’ था। इस फिल्म के निर्देशक ‘विवेक शर्मा’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘कैलाश नाथ’ उर्फ़ ‘भूतनाथ’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद भी उसी साल अमिताभ को दो और फिल्मो में देखा गया था जिनका नाम ‘सरकार राज’ और ‘गॉड तुस्सी ग्रेट हो’ था।
साल 2009 में अमिताभ ने सबसे पहले ‘राकेश ओमप्रकाश महरा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘दिल्ली – 6’ में अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘दादाजी’ का किरदार दर्शाया था। फिल्म में मुख्य किरदारों को अभिषेक बच्चन और सोनम कपूर ने अभिनय किया था।
उसी साल अमिताभ ने ‘ज़ोर लगा के…. हईशा’ नाम की फिल्म में कथावाचन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘अलादीन’ में ‘जीनियस’ भी भूमिका को भी दर्शाया था।
उस साल का अंत अमिताभ ने एक ब्लॉकबस्टर फिल्म के साथ किया था। इस फिल्म का नाम ‘पा’ था और इस फिल्म के निर्देशक ‘आर. बाल्की’ थे। फिल्म में अमिताभ ने ‘औरो’ नाम का किरदार दर्शाया था और उसके साथ मुख्य किरदार को विद्या बालन और अभिषेक बच्चन ने निभाया था।
साल 2010 में अमिताभ ने फिल्म ‘रन’ में अभिनय किया था। इसके बाद उसी साल उन्होंने ‘तीन पत्ती’ नाम की फिल्म में भी अभिनय किया था जिसकी निर्देशक ‘लेना यादव’ थीं।
साल 2011 की बात करे तो उस साल अमिताभ को सबसे पहले फिल्म ‘बूढ़ा…. होगा तेरा बाप’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘पूरी जगन्नाथ’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘विजय मल्होत्रा’ उर्फ़ ‘विज्जु’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद उस साल अमिताभ को फिल्म ‘आरक्षण’ में भी देखा गया था जिसमे उन्होंने ‘प्रभाकर आनंद’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘रा.वन’ में कथावाचन की भूमिका भी निभाई थी।
साल 2012 में अमिताभ ने ‘करन राज़दन’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मिस्टर भट्टी ऑन छुट्टी’ में एक मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘डिपार्टमेंट’ में देखा गया था, जिसमे उन्होंने ‘सर्जेराव गायकवाड़’ नाम का किरदार अभिनय किया था। उसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘बोल बच्चन’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में एक कैमिओ किरदार को दर्शाते हुए देखा गया था।
साल 2013 की शुरुआत अमिताभ ने अंग्रेजी फिल्म के साथ की थी। उन्होंने फिल्म ‘द ग्रेट गैट्सबी’ में अभिनय किया था। इसके बाद उन्हें ‘अनुराग कश्यप’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बॉम्बे टाल्कीस’ में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने एक कैमिओ किरदार दर्शाया था।
अमिताभ ने इसके बाद फिल्म ‘सत्याग्रह’ में भी अभिनय किया था जिसके निर्देशक ‘द्वारका आनंद’ थे। इसके बाद उसी साल अमिताभ ने दो फिल्मो में कथावाचन की भूमिका निभाई थी और उन फिल्मो ‘बॉस’ और ‘कृष 3’ थे।
साल 2014 की शुरुआत अमिताभ ने हिंदी फिल्म ‘भूतनाथ रिटर्न्स’ के साथ की थी। यह फिल्म ‘नितेश तिवारी’ द्वारा निर्देशित फिल्म थी। फिल्म में अमिताभ ने ‘कैलाश नाथ’ उर्फ़ ‘भूतनाथ’ नाम का ही किरदार दर्शाया था। यह फिल्म साल 2008 में आई फिल्म ‘भूतनाथ’ का दूसरा भाग था।
साल 2015 में अमिताभ को फिल्म ‘शमिताभ’ में देखा गया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘आर बाल्की’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘अमिताभ सिन्हा’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘हे ब्रो’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘बिर्जू’ नाम के गाने में मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
अमिताभ ने बहुत लम्बे समय के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘शूजित सिरकार’ थे और फिल्म का नाम ‘पीकू’ था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘भाष्कर बनर्जी’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2016 में अमिताभ ने सबसे पहले फिल्म ‘वज़ीर’ में अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘बिजॉय नम्बिआर’ थे और फिल्म में अमिताभ ने ‘पंडित ओमकारनाथ दास’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के बाद उन्होंने ‘की और का’ नाम की फिल्म में कैमिओ किरदार को दर्शाया था। इसके बाद अमिताभ ने फिल्म ‘ती3न’ में ‘जॉन बिस्वास’ नाम का किरदार अभिनय किया था। इस फिल्म के निर्देशक ‘रिभु दासगुप्ता’ थे।
इसी साल अमिताभ को ‘अनिरुद्धा रॉय चौधरी’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पिंक’ में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ ने ‘दीपक सहगल’ नाम के एक वकील का किरदार अभिनय किया था। फिल्म को दर्शको ने बहुत पसंद किया था।
साल 2017 की बात करे तो उस साल अमिताभ ने ‘द ग़ाज़ी अटैक’ में कथावाचन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘बेगम जान’ में भी कथावाचन की भूमिका को दर्शाते हुए देखा गया था। अमिताभ ने ‘राम गोपाल वर्मा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सरकार 3’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘सुभाष नगर’ उर्फ़ सरकार था। इसके बाद अमिताभ को ‘राजीव ढींगरा’ द्वारा निर्देशित फिल्म ‘फिरंगी’ में भी देखा गया था जिसमे उन्होंने कथावाचन की भूमिका निभाई थी।
साल 2018 में अमिताभ ने सबसे पहले फिल्म ‘पैडमैन’ में कथावाचन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद अमिताभ को फिल्म ‘102 नॉट ऑउट’ में देखा गया था। इसी साल अमिताभ ने फिल्म ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दुस्तान’ में भी अभिनय किया था। इस फिल्म में उन्होंने ‘खुदाबक्श आज़ाद’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
साल 2019 की शुरुआत भी अमिताभ ने एक कथावाचन के रूप में ही शुरू की थी। उन्होंने फिल्म ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झांसी’ में काम किया था। इसके बाद अमिताभ एक बड़ी फिल्म का हिस्सा बने थे जिसका नाम ‘बदला’ था। इस फिल्म में उन्होंन ‘बादल गुप्ता’ नाम का किरदार अभिनय किया था।
अमिताभ बच्चन के आने वाली फिल्मो की बात करे तो उन्हें आगे साल 2019 में फिल्म ‘झुण्ड’, ‘उयर्न्दा मणिथन’, ‘बटरफ्लाई और ‘एबी अणि सीडी’ में देखा जायगा। इसके बाद साल 2020 में अमिताभ को फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘चेहरे’ और ‘गुलाबो सीताबो’ में देखा जायगा।
अमिताभ बच्चन द्वारा निर्मित की गई फिल्मो की जानकारी
- साल 1995, तेलुगु फिल्म ‘गुलाबी’
- साल 1996, हिंदी फिल्म ‘तेरे मेरे सपने’ और मलयालम फिल्म ‘युवथुरकी’
- साल 1997, हिंदी फिल्म ‘मृत्युदाता’ और तमिल फिल्म ‘उल्लासम’
- साल 1998, हिंदी फिल्म ‘सात रंग के सपने’ और ‘मेजर साब’
- साल 2001, हिंदी फिल्म ‘अक्स’
- साल 2005, हिंदी फिल्म ‘विरुद्ध: फॅमिली कमस फर्स्ट’ और बंगाली फिल्म ‘अंतरमहल’
- साल 2006, हिंदी फिल्म ‘फॅमिली’
- साल 2009, हिंदी फिल्म ‘पा’
- साल 2010, मराठी फिल्म ‘विहिर’
- साल 2011, हिंदी फिल्म ‘बूढ़ा… होगा तेरा बाप’
- साल 2013, गुजरती फिल्म ‘सप्तपदी’
- साल 2015, हिंदी फिल्म ‘शमिताभ’
अमिताभ बच्चन का टीवी शो का सफर
- साल 1993-1994, डीडी मेट्रो के शो ‘देख भाई देख’ में निर्माता की भूमिका निभाई थी।
- साल 2000-2006 और 2010-2019, सोनी टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ को होस्ट करते आ रहे हैं।
- साल 2009, कलर्स टीवी के शो ‘बिग बॉस’ के सीजन 3 में होस्ट की भूमिका निभाई थी।
- साल 2011, बीबीसी के शो ‘द वन शो’ में मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
- साल 2013, सोनी टीवी के शो ‘भारत के वीर पुत्रा – महाराणा प्रताप’ ने अपनी आवाज़ का प्रयोग किया था।
- साल 2014, सोनी टीवी के सीरियल ‘तारक मेहता का चश्मा’ में मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
- साल 2015, स्काई 1 के शो ‘देसी रास्कल्स’ में मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
- साल 2015-2016, स्टार प्लस के शो ‘आज की रात है ज़िन्दगी’ में होस्ट की भूमिका निभाई थी।
- साल 2016-2017, डिज्नी चैनल के शो ‘अस्त्रा फाॅर्स’ में अपनी आवाज़ का योगदान दिया था।
अमिताभ बच्चन द्वारा भाग लिए गए डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स
- साल 2005, अंग्रेजी-हिंदी फिल्म ‘मार्च ऑफ़ द पेन्गुइन’ में कथावाचन की भूमिका निभाई थी।
- साल 2011, अंग्रेजी फिल्म ‘द स्टोरी ऑफ़ फिल्म्स: एन ओडिसी’ और अंग्रेजी- फिल्म ‘बॉलीवुड- द ग्रेटेस्ट लव स्टोरी एवर टोल्ड’ में मुख्य उपस्थिति दर्शाई थी।
- साल 2015, अंग्रेजी फिल्म ‘पुटिंग द फन इन फ़ण्डामेंटल’ में मुख्य उपस्थिति को दर्शाया था।
अमिताभ बच्चन पर लिखी गई किताबो के नाम
- साल 1999, ‘अमिताभ बच्चन: द लेजेंड’
- साल 2004, ‘टू बी और नॉट टू बी: अमिताभ बच्चन’
- साल 2006, ‘एबी: द लेजेंड’
- साल 2006, ‘अमिताभ बच्चन: एक जीवित किंवदंती’
- साल 2006, ‘लुकिंग फॉर द बिग बी: बॉलीवुड, बच्चन एंड मी’
- साल 2009, ‘बच्चनलिआ’
पुरस्कार और उपलब्धियां
अमिताभ बच्चन ने साल 2019 तक कुल 335 अवार्ड्स को अपने नाम किया है। उन्हें ‘पद्म श्री’, ‘पद्मा भूषण’, ‘लीजन ऑफ़ ऑनर’, ‘पद्मा विभूषण’, ‘एमटीआर नेशनल अवार्ड्स’, ‘एएनआर नेशनल अवार्ड्स’, ‘दादासाहेब फालके अवार्ड्स’ जैसे कई सारे अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है।
अमिताभ बच्चन का निजी जीवन
अमिताभ बच्चन के लव लाइफ की बात करे तो सबसे पहले उनका नाम भारतीय अभिनेत्री ‘परवीन बाबी’ के साथ जुड़ा था। इसके बाद अमिताभ और ‘रेखा’ के बीच की नजदीकियों के किस्से भी कई समय तक सुने जा रहे थे। रेखा से अलग होने की खबरों के साथ अमिताभ का नाम अभिनेत्री ‘जया’ के साथ जुड़ने लगा था।
3 जून 1973 को जया और अमिताभ ने शादी की थी। अमिताभ बच्चन के दो बच्चे हैं जिनमे से एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटे का नाम ‘अभिषेक बच्चन’ है और बेटी का नाम ‘श्वेता बच्चन नंदा’ है। अमिताभ बच्चन की बहु और अभिषेक बच्चन की पत्नी अभिनेत्री ‘ऐश्वर्या राय बच्चन’ हैं।
अमिताभ बच्चन के पसंदीदा चीज़ो की बात करे तो उन्हें खाने में भिंडी की सब्ज़ी, जलेबी, खीर और गुलाब जामुन पसंद है। अमिताभ के पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार हैं। अभिनेत्रियों में उन्हें वहीदा रेहमान पसंद है। अमिताभ का पसंदीदा रंग सफ़ेद है। उन्हें घूमने की लगहो में लंदन और स्विट्ज़रलैंड पसंद हैं। अमिताभ बच्चन को अक्सर अपने कॉलेज के दिनों में प्लेस में भाग लेना पसंद था। वह जब छोटे थे तब उन्होंने इंजीनियर बनने का सोचा था और फिर उसके बाद उन्होंने भारतीय हवाई सेना में भी काम करने का मन बनाया था।
अमिताभ बच्चन के राजनैतिक सफर की बात करे तो उन्होंने साल 1984 में अपने अच्छे मित्र ‘राजीव गाँधी’ के साथ ‘कांग्रेस पार्टी’ के लिए अलाहबाद से चुनाव लड़ा था। अमिताभ पहले ऐसे पार्टी के सदस्य थे जिन्होंने 68.2% वोटो के साथ जीत हासिल की थी। लगभग 3 सालो तक राजनीती में रहने के बाद अमिताभ ने राजनीती को दलदल कहते हुए अपना इस्तीफा दिया था।
इसके बाद अमिताभ की प्रोडक्शन कंपनी ‘एबीसीएल’ के डूबने के समय उन्हें उनके मित्र ‘अमर सिंह’ ने काफी सहायता की थी जिसके चलते अमिताभ ने अमर सिंह की ‘समाजवादी पार्टी’ की सहायता करनी शुरू की थी। अमिताभ बच्चन अपने दोनों हाथो से काफी अच्छे से लिख सकते हैं।
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