मेघालय में अभी विधानसभा चुनाव अगले साल होने है लेकिन चुनाव से पहले ही वहां की राजनीति गरमा गयी है। इसके संकेत अब साफ़ देखे जा सकते है। समूचे देश में अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस को इस प्रदेश में भी एक बड़ा झटका मिला है। यहां 5 विधायकों समेत प्रदेश विधानसभा के कुल आठ सदस्यों ने शुक्रवार को पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है।
इस घटना से कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बिखर सी गयी है। इस्तीफे के कारणों का फिलहाल कुछ पता नहीं लगा है। यह बात भी अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन खबर आ रही है कि कांग्रेस का साथ छोड़ ये सभी एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) या एनपीपी (नेशनल पीपल्स पार्टी) में शामिल हो सकते है। अगर ऐसा होता है तो चुनावों से पहले ही कांग्रेस के लिए हालात यहां अग्निपरीक्षा के समान होने वाले है।
इस्तीफा देने वाले विधायक यहां के जाने माने चेहरे है और प्रदेश में इनका वर्चस्व है। पार्टी से पूर्व उपमुख्यमंत्री रॉवेल लिंगदोह, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रिसटन तिनसांग, कोमिंग वाईमबन, स्नियावभलंग धर और एनजीतलंग धर ने विधानसभा के आयुक्त व सचिव एंड्रयू साइमन ने अपना इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफे पर तिनसांग ने कहा पार्टी लोगों की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पायी
इस इस्तीफे पर तीनसांग ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि “हम सब ने इस लिए इस्तीफा दिया क्यूंकि पार्टी आम आदमी के मुद्दों और आकांक्षाओं और खरी नहीं उत्तर पायी और प्रदेश का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री मुकुल संगमा लोगों की मूल जरूरतों को पूरा करने में सफल नहीं हो सके।”