यूरोपीय संघ ने ईरान को परमाणु संधि से बाहर निकलने की धमकी दी है यदि वह संधि की शर्तो का उल्लंघन करता है। इस संधि पर दो सालो से वार्ता की जा रही है जिसके तहत सदस्य देश ईरान में निवेश करेंगे और इसके बदले ईरान पाने परमाणु कार्यक्रम को रोक देगा।
ईयू ने दी ईरान को धमकी
अमेरिका ने बीते वर्ष परमाणु संधि से नाता तोड़ दिया था और तेहरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। ईरान ने इस साल की शुरुआत में संधि के नियमो का उल्लंघन किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संघठन ने इसकी पुष्टि की है।
यूरोपीय संघ ईरान और अमेरिका के बीच शत्रुतापूर्ण संबंधों के बाबत चिंतित है। जब अमेरिका ने संधि से दूरी बना ली थी तो ईयू से अमेरिकी प्रतिबंधो से किनारा करने की काफी तरकीबे लगाई थी और अंत में ईरान में अपनी वित्तीय अभियान को अंजाम देने के लिए एक अलग संस्था की स्थापना करने का विचार बनाया था।
ईयू पर प्रतिबंधो का खतरा गहराता जा रहा है। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के लिए संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय अनघ दोनों के स्थायी सदस्य है और हालातो पर करीबी से नजरे बनाये हुए हैं। इस संधि का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमोर करना था। इस संधि के अन्य सदस्यों ने इसकी सीमाओं को बरक़रार रखने पर रजामंदी जाहिर की है।
अमेरिका के संधि तोड़ने के बाद ईरान ने तीन प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया है। यूरेनियम सम्वर्धन की सीमा 300 किलोग्राम से बढाकर चौथी दफा ईरान अपनी प्रतिबद्धता का उल्लंघन करेगा। इन प्रतिबंधो से मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ गया है।
सऊदी तेल कंपनियों पर हालिया हमले के बाद पश्चिमी देशो ने स्थिति पर पैनी निगाह बना रखी है। अमेरिका ने ईयू से इस संधि से बाहर निकलने का आग्रह किया है। ईरान ने संघ से समझौते के तहत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का अनुरोध किया है। मध्य पूर्व में हालिया अस्थिरता ईयू के लिए चिंता का कारण है और वह अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की कोशिश कर रहा है।