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    चीनी मंत्री

    चीनी सरकार के आला राजनयिक ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी शुल्क और व्यापार विवाद विश्व को मंदी की तरफ धकेल देगा और इसका समाधान शान्ति, निष्पक्षता और सहयोग के तरीके से करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    चीन की अमेरिका को धमकी

    संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलन में दिए भाषण में विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि “खड़ी दीवारे वैश्विक चुनौतियों समाधान नहीं करेंगी और किसी एक की खुद की समस्याओं के लिए किसी और कसूरवार ठहराना अब काम नहीं करेगा। महान अवसाद के सबक को नहीं भूलना चाहिए।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापार युद्ध की शुरुआत की थी जिसे अब 15 महीने बीत चुके हैं। उन्होंने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा कि “व्यापार विवाद के शुल्क और भड़काऊ कदम बहुपक्षीय व्यापार शासन और वैश्विक आर्थिक और व्यापार आर्डर को नजरंदाज़ करते हैं। शायद यह विश्व को आर्थिक मंदी के दौर की तरफ धकेल दे।”

    अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के आयातित उत्पादों पर करोड़ो का व्यापार शुल्क थोपा था जिससे वित्तीय बाजारों में काफी उतार-चढाव आया और वैश्विक वृद्धि के लिए खतरा उत्पन्न हुआ था। विश्व की दो आर्थिक महाशक्तियो के बाद एक नए चरण की उच्च स्तर की बातचीत अक्टूबर के मध्य से शुरू हो सकती है।

    वांग के बयान के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन बीजिंग पर नए वित्तीय दबाव को लागू करने पर विचार कर रहा है। इसमें अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज से चीनी कंपनियों को बाहर निकालने की भी सम्भावना है। सूत्रों ने शुक्रवार को रायटर्स को बताया कि यह कदम चीनी कम्पनियों में अमेरिकी निवेश को करने के तहत उठाया गया है।

    पोर्टफोलियो निवेश पर पाबंदियो की खबर से अमेरिका के स्टॉक और तेल कीमते शुक्रवार को निचले स्तर पर पंहुच गयी है, इसका कारण अमेरिका-ची व्यापार तनावों का दोबारा बढ़ना था। अगर 15 अक्टूबर से पहले हालातो में कोई प्रगति नहीं हुई तो 250 अरब डॉलर के चीनी आयात पर अमेरिकी शुल्क 25 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जायेगा।

    वांग ने अमेरिका को चीन की संप्रभुता में दखल ने देने की चेतावनी दी है। गुरूवार को वांग ने कहा कि चीन फ्राम उत्पादों की खरीद को बढाने पर विचार का रहा है और अगर दोनों पक्ष संबंधों को सुधरने के लिए अधिक कदम उठाएंगे तो वार्ता से मतभेद का हल निकल सकता है।

    ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि “लोगो की सोच से पहले चीन के साथ व्यापर समझौता मुकम्मल किया जा सकता है और चीनी खरीद की सराहना की है।”

    वांग ने कहा कि “उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों में रियायत से सम्बंधित ममाले पर अमेरिका को विचार करना चाहिए ताकि कोरियाई प्रायद्वीप में नए विकास की रौशनी हो सके और प्रायद्वीप मामले का राजनीतिक हल निकल सके।

    उन्होंने कहा कि “विश्वास को बरक़रार रखने के लिए परमाणु निरस्त्रीकरण और शान्ति की स्थापना में सामानांतर प्रगति होनी चाहिए।” इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर मिसाइल की संधि से बाहर निकलने के लिए वांग ने अमेरिका की आलोचना की है और कहा कि एशिया-पैसिफिक इलाके में ऐसी मिसाइल की तैनाती के चीन सख्त खिलाफ है।

    उन्होंने कहा कि “चीन अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण प्रक्रिया में एक सक्रीय भूमिका निभाना जारी रखेगा और उन्होंने आर्म्स ट्रेड ट्रीटी में शामिल होने के लिए घरेलू कानूनी प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।”

    ट्रम्प ने कहा कि “वह अमेरिका को इस संधि से बाहर निकालने का इरादा रखते हैं जो समस्त विश्व में 70 अरब डॉलर के पारंपरिक हथियारों पर नियंत्रण रखती है और मानव अधिकारों के उल्लंघनकर्ताओं के हाथो से हथियारों को दूर रखती है।” इस संधि में 104 लोग शामिल है, जनरल असेंबली से इसे साल 2013 में मान्यता दी थी।

    वांग ने दोहराया कि चीन दूसरे देश के अनात्रिक मामले में दखल न देने के सिद्धांत की प्रतिबद्धता पर कायम है। उन्होंने कहा कि “अंतरराष्ट्रीय मंच पर हम न्याय की बात करते हैं और भयभीत करने का विरोध करते हैं।”

    इसके बाद चीन और किरबाती ने अधिकारिक तौर पर एक समारोह में अपने राजनयिक संबंधो को बहाल कर दिया है। किरबाती के राष्ट्रपति तनती मामौऊ ने कहा कि “मुझे यकीन है कि चीन से बहत कुछ सीखने और हासिल करने को शेष है और हमारे राजनयिक संबंधो को बहल करने इसकी शुरुआत है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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