अमेरिका के सांसदों के एक समूह ने जम्मू कश्मीर के हालात पर चिंता व्यक्त की है और नई दिल्ली व इस्लामाबाद में अमेरिकी राजदूतो से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने का आग्रह किया है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद से दोनों देशो के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
इस्लामाबाद और नई दिल्ली के अमेरिकी राजदूतो को एक खत केनेथ जुस्टर और पॉल डब्ल्यू जोंस को लिखा और सांसद ने कहा कि “भारत और पाकिस्तान के बीच संकट का माहौल बना रहेगा, यह एक जोखिम है। वैश्विक शान्ति के लिए मौजूदा हालात खतरनाक है और सीधे तौर पर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरख्सा के लिए खतरा है। पाकिस्तान और भरता दोनों हमारे मूल्यवान सहयोगी है, क्षेत्र में हमारे हितो के लिए महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि “यह बेहद ज्यादा महत्वपुर्ण है कि हमने तनाव को कम करने के लिए उनकी सरकारों से बातचीत की थी।” साथ ही दोनों अमेरिकियो राजदूतो से तनावों को कम करने के लिए सब कुछ करने का आग्रह किया है।
इस पत्र पर सांसद इल्हन ओमर, रौल एम ग्रिजल्वा, एंडी लेविन, जेम्स पी मैकगवर्न, टेड लिएऊ, डोनाल्ड बेयेर और एलन लोवेनथल ने हस्ताक्षर किये हैं। 30 अगस्त को इमरान खान ने पाकिस्तानी नागरिको से कश्मीरियों के साथ एकजुटता को दिखाने के लिए सड़को पर उतरने का अनुरोध किया था हालाँकि अपने इस मंसूबे में वह नाकामयाब साबित हुए हैं।
अनुच्छेद 370 को हटाने का पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया था लेकिन ने भारत ने स्पष्ट कहा कि यह नई दिल्ली का आंतरिक मामला है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
यूएन में कुरैशी के संबोधन के दौरान मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के मानव अधिकारों की दयनीय स्थिति कोलेकर प्रदर्शन किया जा रहा था।