अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अगले हफ्ते तक के लिए अमेरिका जाने की योजना को स्थगित कर दिया है। वह अमेरिकी तालिबान समझौते पर चर्चा के लिए अमेरिका जाने वाले थे। अमेरिका के विशेष राजदूत तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया पर बातचीत कर रहे हैं। यह वार्ता तालिबान के अरब दफ्तर क़तर में हुई थी।
इस समझौते की शुरुआत अफगानी सरजमीं से अमेरिकी सैनिको की वापसी के साथ होगी। इसके लिए अब सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनुमति चाहिए। ख़लीलज़ाद ने इसका ऐलान सोमवार को किया था।
सोमवार को ख़लीलज़ाद के ऐलान के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दो भयानक विस्फोट हुए थे। इसमे से एक मे अमेरिका के एक सैनिक की मौत हुई थी और इस समझौते पर अफगानिस्तान ने आपत्ति दर्ज की थीं।
तालिबान ने बताया कि अफगानिस्तान के कुंदुज और बाग़लम में विस्फोटक हमले से अमेरिका कर साथ वार्ता में उनकी स्थिति मजबूत होगी। अफगानी राष्ट्रपति ने अमेरिका तालिबान वार्ता पर चुप्पी साध रखी थी। ख़लीलज़ाद की काबुल यात्रा के दौरान राष्ट्रपति को इस समझौते को दिखाया गया लेकिन रखने की इजाजत नही दी थी।
राष्ट्रपति के सलाहकार वहीद ओमार ने गुरुवार को कहा कि इन सांपो ने पहले बीबी अफगानियों को काटा हुआ है। उनका इशारा पिछले समझौते की तरफ था जहां अफगानी सरकार को दरकिनार कर रखा था।अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनावो से पूर्व अमेरिका तालिबान के साथ समझौते को मुकम्मल करना चाहता है।
अमेरिका और तालिबान के बीच बीते सप्ताहांत में शान्ति प्रस्ताव पर नौवे चरण की वार्ता वार्ता हुई थी। यह वार्ता अफगानी सरजमीं से हजारो सैनिको की वापसी पर केन्द्रित थी और इसके बदले तालिबान ने अफगानी सरजमीं पर आतंकवादी समूहों को पनाह न देने का संकल्प लिया है।
टोलो न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में राजदूत ने कहा कि “अगर तालिबान मसौदे समझौते की शर्तो पर खारा उतरता है तो अफगानिस्तान में पांच ठिकानों से 135 दिनों में 5000 सैनिको की वापसी की जाएगी।” एक दिन पूर्व ही तालिबान ने काबुल में ग्रीन जोन के नजदीक कार में बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी और इस हमले में 10 अफगान नागरिको की मौत हुई थी।
अफगानिस्तान में अमेरिका के 14000 सैनिको की तैनाती की गयी है जो देश के विभिन्न ठिकानो पर है। प्रांतीय पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता सईद सरवर हुसैनी ने कहा कि “तालिबान ने रात भर शहर के कई अलग-अलग स्थानों से बड़े पैमाने पर हमलो को अंजाम दिया था।