केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को पूर्वी एशियाई पांच देशो की यात्रा में पहले देश जापान पहुच गए हैं। इस यात्रा का मकसद सैन्य और रक्षा संबंधों को मज़बूत करना है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय यात्रा के लिए जापान में लैंड कर लिया है। भारत और जापान एक विशेष, रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को साझा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि “मैं आशावादी हूँ कि यह यात्रा दोनों देशो के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मज़बूत करेगी। 2 और 3 सितम्बर को रक्षा मंत्री जापान की यात्रा पर होंगे और इसके बाद वह दक्षिण कोरिया कि९ द्विपक्षीय यात्रा करेंगे।”
भारत के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबु ने कहा कि ” जापान की यात्रा के साथ ही वह वार्षिक रक्षा मंत्रालय वार्ता की सहध्यक्ष्ता अपने समकक्षी के साथ करेंगे। मंत्रालय की वार्ता का उद्देश्य भारत जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजीद मज़बूत करना है और साथ ही दोनों देशो के बीच द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा के विस्तार के लिए व्यापक चर्चा करना है।”
जापान की यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह जापान के प्रधानमन्त्री शिंजो आबे के साथ भी मुलाकात करेंगे। बीते पांच वर्षों में भारत और जापान ने मज़बूत संबंधो को विकसित किया है और भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे के बीच एक विशेष जुड़ाव है।
जानकारों के मुताबिक, रक्षा और सुरक्षा के विभाग में भारत और जापान प्राकृतिक सहयोगी है। दक्षिण कोरिया में रक्षा मंत्री अपने समकक्षी जेओंग क्येओंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और वहां के प्रधानमन्त्री ली नाक यून के साथ मुलाकात करेंगे।
सीओल में बिज़नेस टू मीटिंग का आयोजन भी होगा जिसमे दोनों पक्षों के रक्षा उद्योग के सदस्य शामिल होंगे। दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य उपकरणों का निर्माण कर रहा है।