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    कुलभूषण जाधव मामला

    पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायोग गौरब आलूवालिया सोमवार को सुबह विदेश मंत्रालय पहुचे थे ताकि उनके प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से मुलाकात हो और कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पंहुच दी जा सके। आलूवालिया और फैसल के बीच मुलाकात जारी है।

    नई दिल्ली को उम्मीद है कि इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत के आदेश के मुताबिक मुलाकात को सुनिश्चित करेगा। भारतीय सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत बीते तीन सालो से कुलभूषण तक राजनयिक पहुच की मांग कर रहा है। राजनयिक पंहुच देने से इंकार के कारण इस मामले को आईसीजी तक ले जाया गया था। अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया।

    भारत के राजनयिक गौरव आलुवालिया जाधव के साथ मुलाकात करेंगे। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान उचित माहौल मुहैया करेगा ताकि मुक्त, निष्पक्ष, सार्थक और प्रभावी बातचीत हो सके जो ख़त और अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेशो के अनुरूप है।

    पाकिस्तान ने रविवार को ऐलान किया कि वह सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना के अधिकारी तक राजनयिक पंहुच देने को तैयार है। पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि “जाधव को वियेना समझौते, आईसीजे के आदेश और पाकिस्तान के कानून के तहत राजनयिक पहुंच दी जाएगी। फैसल ने हालांकि यह नहीं बताया कि बातचीत के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी रहेगा या नहीं।”

    भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “हम कूटनीतिक माध्यमो से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में हैं। आप अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत के आदेश से वाकिफ होंगे जिन्होंने तत्काल, प्रभावी पंहुच मिल सके। देखते हैं कि पाकिस्तान की तरफ से किस तरीके की प्रतिक्रिया मिलती है।”

    आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को 1963 वियेना संधि का उल्लंघन करने का कसूरवार ठहराया था जिसके तहत राजनयिक पंहुच दी जाती है। पाकिस्तान जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ वार्ता के उनके अधिकारों के बाबत बताने में असफल रहे थे।

    जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लागाये हैं और भारत के काफी आग्रहों के बावजूद पाक ने जाधव को राजनयिक पंहुच की मंज़ूरी नहीं दी थी।

    कुलभूषण जाधव एक पूर्व नौसैन्य अधिकारी है जिसे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने ने ईरान से अगवा कर लिया था।भारत के मुताबिक जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से रिटायर होने के बाद कारोबार के लिए गए थे और उनका सरकार को कोई लेना देना नहीं है।

    भारत ने 8 मार्च 2017 को पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक अदालत में अर्जी दी थी। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में साल 1963 में हुई विएना संधि का उल्लंघन किया है और इसके बाद वैश्विक अदालत ने जाधव की मृत्यु दंड की सज़ा पर कार्रवाई पूरी होने तक रोक लगा दी थी।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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