पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने गुरूवार को कहा कि “अमेरिका और पाकिस्तान के सम्बन्ध वापस पटरी पर आ चुके हैं।” हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने अमेरिका की पहली यात्रा में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात की थी।
भारत-पाक सम्बन्ध दोबारा पटरी पर
तीन दिवसीय यात्रा के बाद इस्लामाबाद अन्तराष्ट्रीय एअरपोर्ट पर गुरूवार को खान पंहुचे थे। फैसल ने कहा कि “पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सम्बन्ध दोबारा स्थापित हो रहे हैं।” मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि “यहाँ तक कि अमेरिकी सरकार ने भी “ज्यादा करो” का इस्तेमाल नहीं किया था।”
ओसामा बिन लादेन को हिरासत में लेने के लिए इंटर सर्विस इंटेलिजेंस ने अमेरिका की मदद की थी। इस बाबत फैसल ने कहा कि “पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन के बाबारे में शुरूआती खबर अमेरिका को मुहैया की थी। मैं न ही पुष्टि करूँगा और न इसे खारिज करूँगा कि आईएसआई ने सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी को ओसमा बिन लादेन के बारे में किसी प्रकार की सहायता मुहैया की है।”
भारत को परिपक्व कदम उठाना होगा
इस हफ्ते की शुरुआत में फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में खान ने कहा कि “यह आईएसआई ही थी जिन्होंने ओसामा बिन लादेन की लोकेशन के बारे में शुरूआती खबर आईएसआई को दी थी। अगर आप सीआईए से पूछेंगे, यह आईएसआई ही है जिन्होंने फ़ोन कनेक्शन के जरिये शुरूआती खबर दी थी।”
मीडिया कांफ्रेंस में फैसल ने आज कहा कि “ट्रम्प ने प्रधानमन्त्री के इस्लामाबाद आने के अधिकारिक आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। वांशिगटन और समस्त राष्ट्र को अफगान शान्ति प्रयासों में पाकिस्तान की मध्यस्थ्ताकार के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका के बाबत जानकारी है।”
फैसल ने कहा कि “आगे बढ़ने का ही रास्ता है वार्ता के जरिये मसले को हल किया जाए। मुझे आशा है कि भारत इसे समझेगा, शायद ट्रम्प की मध्यस्थता से भारत को समझ आ जाए। अधिग्रहित कश्मीर में भारतीय सशस्त्र सेना के अत्याचारों की उन्होंने आलोचना की है। भारत को इस विवाद को सुलझाने के लिए एक परिपक्व कदम उठाना होगा।”