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    चीनी तेल कंपनी

    चीन ने मंगलवार को अमेरिका द्वारा चीनी तेल कंपनियों पर प्रतिबन्ध को गैर कानूनी करार दिया था। एक दिन पूर्व ही अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने ऐलान किया कि वह एक उभरते हुए तेल आयातक को काली सूची में डालते हैं।”

    चीनी कंपनी पर प्रतिबन्ध गैर कानूनी

    पोम्पियो ने सोमवार को कहा कि “अमेरिका ज्हुहाई ज्हेंरोंग और उनका प्रमुख कार्यकारी ली यौमिन पर प्रतिबंधो को लागू करता है ताकि ईरान के कच्चे तेल के व्यापार पर अधिकतम दबाव अभियान का भाग है। कच्चे तेल को स्वीकार कर उन्होंने अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया था।”

    बीजिंग ने मंगलवार को कहा कि “वह लगातार और दृढ़ता से अमेरिका के एकतरफा प्रतिबंधो का विरोध करते हैं। उन्होंने इन प्रतिबंधों को गैर कानूनी करार दिया है।”

    विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुन्यिंग ने निरंतर प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि “चीनी पक्ष ने दृढ़ विरोध व्यक्त किया गया था और सम्बंधित अमेरिकी विभागों के समक्ष सख्त आलोचना की थी कि उन्होंने चीनी उद्योगों पर प्रतिबन्ध थोपे हैं।”

    उन्होंने कहा कि “चीनी पक्ष ने निरंतर जोर देते हुए कहा कि ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच ऊर्जा सहयोग अंतरराष्ट्रीय कानून के फ्रेमवर्क के तहत आता है और यह मुनासिब व वैध है और इसका सम्मान व संरक्षण किया जाना चाहिए।”

    पोम्पियो का प्रतिबंधो पर हालिया ऐलान तेहरान पर आर्थिक दबाव को बढाने का वांशिगटन का हालिया कदम है। लेकिन हुआ ने कहा कि “अमेरिका सभी पक्षों के वैध हितो और अधिकारों का अपमान कर रहा है।” ज्हुहाई ज्हेंरोंग और चीनी स्टेट रिफाइनर ईरानी कच्चे तेल को चीन में आयात करने के लिए जिम्मेदार है।

    उन्होंने कहा कि “हम अमेरिका से सख्ती से इस गलत हरकत को तत्काल सही करने का आग्रह करते हैं और चीनी कंपनियों व नागरिकों के खिलाग गैर कानूनी प्रतिबंधों पर रोक लगाने का अनुरोध करते हैं। चीन अपने वैध अधिकारों और हितो की सुरक्षा के लिए सभी जरुरी कदम उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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