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    हांगकांग प्रदर्शन

    चीन ने मंगलवार को कहा कि “हांगकांग में हिंसक अराजकता के पीछे अमेरिका के अधिकारीयों का हाथ है और दखलंदाज़ी के खिलाफ चेतावनी दी है।” हाल ही में शहर में सिलसिलेवार प्रदर्शन हुए थे और इसमें सप्ताहांत में हिंसक संघर्ष भी शामिल है।

    हांगकांग का हिंसक प्रदर्शन

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुन्यिंग ने नियमित प्रेस ब्रीफिग में मंगलवार को कहा कि “हम देख सकते हैं कि ऐसी वारदातों के पीछे अमेरिका के अधिकारों का हाथ था।” उन्होंने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के हफ्तों से जारी हिंसक प्रदर्शन की तरफ इशारा किया है।

    यह प्रदर्शन प्रत्यर्पण विधेयक के खिलाफ हुआ था जिसके तहत हांगकांग के अपराधियों को सुनवाई के लिए मुख्यभूमि चीन जाना होगा। हुआ ने पूछा कि “इसलिए क्या अधिकारी विश्व से कह सकते हैं कि वह क्या खेल रहे हैं और उनके क्या मकसद है।”

    रविवार को सफ़ेद टीशर्ट के समूह ने रविवार को लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन किया था। जब बीजिंग के मुख्य दफ्तर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी। अमेरिका और ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेशक ब्रिटेन की हिंसा की आलोचना हुआ ने की और कहा कि “वह किसी भी दखलंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

    हांगकांग में विदेशी दखल बर्दाश्त नहीं

    उन्होंने कहा कि “अमेरिका को एक चीज जाननी चाहिए कि हांगकांग चीन का है और हम किसी भी विदेशी दखलंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अमेरिका को अपने खून से रंगे हाथो को हटाने का सुझाव देते हैं।”

    अमेरिका के राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि “उन्हें यकीन है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रदर्शन के सम्बन्ध में बेहद जिम्मेदाराना तरीके से कार्य करेंगे।” साल 1997 में चीनी हुकूमत के अंतर्गत हांगकांग आया था। यह शहर “एक देश, द्वि प्रणाली” फार्मूला का पालन करता है जिसके तहत मुख्यभूमि में आज़ादी का लुत्फ़ नहीं उठाने नहीं दिया जाता है। इसमें स्वतंत्र न्यायपालिका और प्रदर्शन की आज़ादी भी शामिल है।”

    हांगकांग में बीजिंग ने अपने नियंत्रण को अधिक मज़बूत किया है और अपने नेता को सीधे तौर पर चयनित करने के निवासियों के आग्रह को ख़ारिज किया है। चीन ने हांगकांग में दखलंदाज़ी को खारिज किया है और चेतावनी दी कि विदेह्यक पर हिंसक प्रदर्शन उस फोर्मुले के लिए एक स्पष्ट चुनौती है, जिसके तहत यहाँ शासन किया जाता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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