पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान के साथ सोमवार को वार्ता के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने सख्त लहजे में इस्लामाबाद के व्यवहार की निंदा की थी, जिसके कारण अमेरिका ने पाकिस्तान की 1.3 अरब डॉलर की सिंय सहायता को रद्द कर दिया था।
पाकिस्तान हमारे खिलाफ था
इमरान खान से मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “हम पाकिस्तान को वर्षो से 1.3 अरब डॉलर की रकम अदा कर रहे हैं। समस्या यह है कि पाकिस्तान हमारे लिए कुछ नहीं कर रहा था। वे बहद विनाशक थे। वह हमारे खिलाफ जा रहे थे। मैं 1.3 अरब डॉलर की सैन्य सहायता को डेढ़ वर्ष के बाद समाप्त किया था।”
डोनाल्ड ट्रम्प की दायीं तरफ बैठे इमरान खान चुपचाप अमेरिकी राष्ट्रपति की बातो को सुन रहे थे। पाकिस्तान की सैन्य सहायता को बहाल करने के बाबत डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “ईमानदारी से कहूँ तो पाकिस्तान के साथ मेटा अब बेहतर सम्बन्ध है, रकम को अदा करने के दौरान इतना नहीं था लेकिन वह सभी वापस आ सकता है और यह हमारे कार्य पर निर्भर करता है।”
सैन्य सहायता पर रोक लगाने से इस्लामाबाद और वांशिगटन के संबंधों में काफी तल्खियां आ गयी थी। अमेरिका ने बताया कि यह सहायता तब तक रोकी जायेगी जब तक इस्लामाबाद अपनी सरजमीं पर पनप रहे आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाता।”
पाकिस्तान की कार्रवाई पर सवाल
अमेरिका के प्रतिनिधि और विदेशी मामलो पर सदन की समिति के अध्यक्ष एलियट एल एंगेल ने सोमवार को कहा कि “पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से आतंकी ढांचों को हटाने के लिए सर्वप्रथम ठोस और अपरिवर्तनीय कदम उठाने होंगे, तभी भारत के साथ अर्थपूर्ण वार्ता मुमकिन है।”
पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने कहा कि “पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित करने के दौरान ‘इमरान को यह बताना चाहिए था कि उन्होंने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष को सौंप दिया है, उन्हें पाकिस्तानियों को बताना चाहिए था कि वह कितने अक्षम हैं।”