अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ‘चीन दक्षिण पूर्वी पड़ोसियों की तरफ दमनकारी रवैया अख्तियार कर इंडो-पैसिफिक इलाके में शान्ति और स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।”
नौचालन की आज़ादी
जॉन बोल्टन ने शुक्रवार को ट्वीटर पर कहा कि “अमेरिका और एसोसिएशन ऑफ़ साउथ एशियन नेशन के इंडो पैसिफिक पर साझा नजरिये के तहत संप्रभुता और नौचालन की आज़ादी का सम्मान मूल है। दक्षिण पूर्वी एशियाई देशीं के प्रति चीन का दमनकारी रवैया क्षेत्रीय स्थिरता और शान्ति के लिए खतरा है।”
अमेरिका और चीन के बीच इंडो पैसिफिक इलाके में सैन्य तैनाती पर मतभेद है। दक्षिणी चीनी सागर में अमेरिका के नौचालन अभ्यासों पर चीन ने विरोध व्यक्त किया है। वांशिगटन और चीन के दक्षिणी पूर्वी एशियाई पड़ोसी राष्ट्र बीजिंग द्वारा सैन्यकरण को बढाने से काफी चिंतित है।
दक्षिणी चीनी सागर पर कई देशो ने अपना दावा किया है इसमें वियतनाम, चीन, फिलिपींस शामिल है लेकिन अमेरिका ने इस सागर पर कोई अधिकारिक दावा नहीं किया है।
वांशिगटन ने कहा था कि बीजिंग दक्षिणी चीनी सगार में सैन्यकरण के रहा है और उनकी सेना कृत्रिम चट्टानों और द्वीपों पर सैन्य ठिकानो का निर्माण कर रही है। इस क्षेत्र से प्रतिवर्ष पांच ट्रिलियन डॉलर के जहाजों का निर्यात होता है ,इसके आलावा, फिलीपीन्स, ब्रूनेई, ताइवान और वियतनाम ने भी इस समुन्द्र पर अपना दावा ठोका है।