भारत की तरह से कुलभूषण जाधव मामले की पैरवी करने वाले वकील हरीश साल्वे ने कहा कि “उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में पाकिस्तान के इस मामले में पाकिस्तान के आचरण को चुनौती दी थी। मैं आईसीजे में अपने देश के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह सुनवायी के दौरान फांसी की सजा से कुलभूषण जाधव का संरक्षण करेगा।”
वियना संधि का पालन करेगा पाक
आईसीजे ने जाधव तक भारत की राजनयिक पंहुच को मंजूरी दी है और इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस ने हरीश साल्वे ने कहा कि “यह फैसला राहत का है। इस फैसले ने हमारे दिलो को खुश कर दिया है। हम पाकिस्तान को वियना संधि का पालन करने के लिए मजबूर करेंगे।”
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने सुनवाई के दौरान जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। उन्होंने कहा कि “जाधव तक राजनयिक पंहुच को मंज़ूरी मिली है। राजनयिक पंहुच का यह निष्पक्ष न्यायिक निर्णय है। पाकिस्तान ने निरंतर खेल खेला है जिसमे उसने जाधव से बरामद किये पासपोर्ट का दावा किया है। अदालत ने इस पासपोर्ट को देखा और जाधव की राष्ट्रीयता पर अनिश्चितता के पाकिस्तान के दावे को ख़ारिज कर दिया था।”
साल्वे ने कहा कि “मेरी परवरिश और भारत की परंपरा ने कारण ही मैं उन्हें उस भाषा में जवाब दे सका हूँ। आईसीजे ने पाकिस्तान के संविधान के तहत एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग की है।”
जबरन कबूलनामा
आईसीजे में सुनवाई के दौरान साल्वे ने कहा कि “पाकिस्तान में जासूसी का कबूलनामा इस्लामाबाद ने जबरन लिया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ साल 2017 में आइसेजे के समक्ष याचिका दायर की थी कि इस्लामाबाद ने गोपनीय सुनवाई के दौरान जाधव तक राजनयिक पंहुच न देकर वियना संधि का उल्लंघन किया है।”
भारत के मत से सहमत वैश्विक अदालत ने कहा कि “पाकिस्तान ने साल 1963 वियना संधि का उल्लंघन किया है। इस संधि के तहत जाधव को मदद मुहैया करना भारत का अधिकार है और यह पाकिस्तान ने छिना है। अदालत के मुताबिक, पाकिस्तान ने जाधव तक पंहुच और संपर्क के अधिकार से भारत को वंचित रखा है।”
पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सज़ा पर वैश्विक अदालत ने कहा कि “कुलभूषण सुधीर जाधव को फांसी की सजा के मामले पर पाकिस्तान को समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए।” पाकिस्तान ने जाधव को उनके अधिकारों से भी अवगत नहीं किया था।