कनाडा की नागरिकता हासिल किये सिंध प्रान्त से अधिकतर हिन्दू प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को मिसिसॉगा सेलिब्रेशन स्क्वायर पर एकत्रित हुए और पाकिस्तान को नाबालिग हिन्दू बच्चियों के जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग की है और जिनका जबरन धर्मांतरण हुआ है, उनके लिए न्याय की मांग की है।
हिन्दू बच्चियों के धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन
इस प्रदर्शन का मकसद पाकिस्तानी सरकार पर दबाव बनाना था त्ताकि वह अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जो मासूम बच्चियों का बलात्कार और अपहरण को धार्मिक औजार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। पाकिस्तान में सिंध प्रान्त में अधिकतर हिन्दू समुदाय के बाशिंदे हैं।
प्रदर्शन की मांग करते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा कि “जैसा आप जानते हैं कि सिंधी हिन्दू पीड़ा में हैं क्योंकि पाकिस्तान में लड़कियों का काफी धर्मपरिवर्तन हो रहा है।”
प्रदर्शनकारियों के समक्ष प्लेकार्ड्स भी मौजूद थे, जिन पर लिखा था कि पाकिस्तान में नाबालिग हिन्दू बच्चियों के जबरन धर्मपरिवर्तन को रोके। पाकिस्तान को हिन्दू बच्चियों के अपहरण को रोकना चाहिए, हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकना चाहिए। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने “हमें न्याय चाहिए” जैसे नारो को लगाया था।
‘स्टेट ऑफ़ ह्यूमन राइट’ के शीर्षक से जारी 335 पन्नो की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में सिंध प्रान्त में हिन्दू और ईसाई लड़कियों के साथ जबरन निकाह के करीब 1000 मामले दर्ज किये गए हैं।”
पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण एक सामान्य अभ्यास है लेकिन हाल ही में दो हिन्दुओं लड़कियों का जबरन धर्मांतरण सुर्ख़ियों में रहा है। कई दक्षिण पंथी समूहों ने हालिया घटना पर चिंता जाहिर की है।
सिंध बल विवाह अवरोध कानून 2013 को प्रभावी तरीके ऐसे अमल में नहीं लाया गया है और जबरन निकाह पर राज्य की प्रतिक्रिया मिली-जुली है। अधिकतर मामलो में पुलिस असंवेदनशील और उदासीन रही है। रिपोर्ट के मुतबिक, पाकिस्तान में साल 2018 में सामान्य तरीके से अपना जीवन यापन करने में अल्पसंख्यकों को शोषण, गिरफ्तारी और मौत से जूझना पड़ा है।