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    हाफिज सईद

    ख़ुफ़िया विभागों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी समर्थित जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान के चरमपंथी समूहों जैसे हक्कानी नेटवर्क और अफगान तालिबान से हाथ मिला लिया है और यह 26 जनवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट हवाई हमले के बाद हुआ है।

    अफगान चरमपंथी और पाक आतंकी हुए एक

    यह इंगित करता है कि इन आतंकवादी समूहों ने अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक अपने ठिकानो को बना लिया है इसमें कंधार और कुनार शामिल है। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकवादियों के ठिकानो पर हमला किया था।

    सूत्रों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान समर्थित चरमपंथी समूहों ने पाकिस्तान में फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स की ब्लैकलिस्टिंग से बचने के लिए अफगानिस्तान के नजदीक अपने ठिकानो को शिफ्ट कर लिया है। पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में शुमार रहा है।

    पाकिस्तान को भारत काली सूची में डालना चाहता है। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तीव्र अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तानी समर्थित आतंकी संगठन अफगानिस्तान में तालिबानी प्रभुत्व वाले क्षेत्र में छिप गए हैं। ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक, कांधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को तालिबान हमले की शंकाओ के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है।

    अफगानिस्तान में आतंकियों को पनाह

    सूत्रों के मुताबिक, जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को इस साल के शुरुआत में हक्कानी नेटवर्क में अफगानिस्तान में पनाह का प्रस्ताव दिया था। हालाँकि मसूद खुद को बहावलपुर में पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा में महफूज़ महसूस करता है।

    पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अमेरिका लश्कर ए तैयबा को वांशिगटन और उसके सहयोगियों के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। अफगानी सरजमीं ने इस आतंकी संगठन के 300 लड़ाके सक्रीय है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् ने पाकिस्तान के जमा-उद-दावा, फलाह-इ-इंसानियत, लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान  और लश्कर-ए-जांगवी पर प्रतिबन्ध लगाया था।

    पाकिस्तान में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के सहसंस्थापक हाफिज सईद को साल 2009 से 2017 तक घर में नज़रबंद रखा गया था। अतंराष्ट्रीय विरोध के बावजूद हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने रिहा कर दिया था  .

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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