नेपाल ने सदन के निर्णय को वापस लिया है, जिसमे वह इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी के अवार्ड समारोह का आयोजन करने वाली थी। इस समारोह को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार की काफी आलोचना की गयी थी। एक समिति ने सरकार को आयोजन से सम्बंधित सभी कार्यों को रोकने का निर्देश दिया है। यह समारोह अगस्त में काठमांडू में आयोजित होना था।
नेपाल पर्यटन विभाग ने काठमांडू मेट्रोपोलिटन सिटी के साथ इस समरोह की मेजबानी करने की योजना बनायीं थी। नेपाल पर्यटन विभाग के सीईओ दीपक राज जोशी ने कहा कि “यह निश्चित है कि हम आईफा अवार्ड्स की मेजबानी नहीं कर रहे हैं। अगर संरचनाओं के बाबत कोई शिकायत की गयी तो यह एक अवसर है कि अगले दो या तीन वर्षों में हम इस समारोह का आयोजन कर सकते हैं।”
22 जून को नेपाल की सरकार ने आईफा के 22 वें संस्करण की मेजबानी करने का निर्णय लिया था। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय की अध्यक्षता में 17 सदस्यों की एक टीम गठित की गयी थी। सरकार के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचनाये हुई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमानों की टिकट्स, होटल में रहना, बॉलीवुड स्टार्स की सुरक्षा और घूमने का खर्च नेपाल सरकार को उठाना होगा। इस प्रक्रिया का अनुमानित खर्च का 40 लाख डॉलर से अधिक का आंकलन किया गया था। हालाँकि यह खर्च नेपाल पर्यटन विभाग, केएमसी, फेडरेशन ऑफ़ नेपालीज चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, होटल एसोसिएशन ऑफ़ नेपाल, कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ नेपाली इंडस्ट्रीज और कई निजी संगठनो के बीच बंटना था।