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    जमील मक़सूद

    यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद् से गिलगिट-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान को मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए दोषी ठहराने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

    पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करे यूएन

    यूएनएचआरसी के 41 वें सत्र को संबोधित करते हुए यूकेपीएनपी के विदेश मामलो के सचिव जमील मक़सूद ने कहा कि “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नित्य और दृढ़ मानव अधिकारों का उल्लंघन बगैर किसी रोकटोक के जारी है। पाकिस्तान की सेना जमीन कब्ज़ा करने, आक्रमक रवैये, मीडिया पर नियंत्रण, अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने और अपने इर्द-गिर्द सदन बनाने के कार्यो के जुटी रहती है।”

    उन्होंने कहा कि “अवैध खनन और जंगलो का सफाया के तरीको का इस्तेमाल पाकिस्तान पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान के संसाधनों को चोरी करने के लिए इस्तेमाल करता है। वहां न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है। व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और परिवाद की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संस्थाओं ने की है।”

    बयान में मक़सूद ने बगैर सुनवाई के हत्या, गायब होना और पाकिस्तान में विपक्ष के खिलाफ भेदभाव अब वहां रोजाना के जीवन का भाग बन गया है। मेरे पासपोर्ट का जब्त हो जाना, पाकिस्तान से असहमति का मजीद उदाहरण है। हमारा संघठन वैश्विक आतंकवाद में इजाफे से बेहद चिंतित है। कुछ पनाहगार देशों के कारण यह आतंकवादी समूह परेशानी का सबब बन गए हैं।”

    बांध का निर्माण अवैध

    इसके आलावा मक़सूद ने नीलम-झेलम हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट पर निर्माण पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि “इन बांधों का निर्माण से नीलम और झेलम का बहाव मुड़ जायेगा। यह स्थानीय जनता और जिंदगियों में तबाही के प्रभावों को लेकर आएगा। वह अपने एकमात्र पानी के स्त्रोत को खो देंगे।”

    उन्होंने जोर देकर कहा कि “यह सब हमसे बिना पूछे किया जा रहा है। परियोजना से सम्बंधित विचार प्रक्रिया में जुड़ने के सभी अवसरों से पाकिस्तान ने हमें वंचित रखा है।” इस परियोजना का निर्माण का बेहद संवेदनशील क्षेत्र में हो रहा है जो हज़ारो लोगो की जिंदगियों के लिए जोखिम है। पाकिस्तान इन बांधो के निर्माण के लिए पर्यावरण संरक्षण विभाग की  हर एक सलाह को नजरअंदाज कर रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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