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सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल जाँच समिति को 28 फरवरी तक लोकपाल की नियुक्ति के लिए नाम देने का दिया आदेश

नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मेघालय सरकार को अवैध कोयला खनन पर रोक लगाने में विफल रहने को लेकर एनजीटी द्वारा लगाए गए 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि जमा कराने को कहा। यह राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा की जाएगी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और के. एम. जोसफ की पीठ ने अवैध रूप से निकाले गए कोयले को कोल इंडिया लिमिटेड को सौंपने का निर्देश भी जारी किया।

कोल इंडिया लिमिटेड अवैध रूप से खनन कर निकाले गए कोयले की नीलामी करेगी और इससे प्राप्त राशि राज्य सरकार के पास जमा कराएगी।

हालांकि, पीठ ने संबंधित अधिकारियों की अनुमति से निजी एवं सामुदायिक स्वामित्व वाली भूमि पर खनन जारी रखने की इजाजत दे दी।

एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने तीन सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए 4 जनवरी को मेघालय सरकार पर जुर्माना लगाया था और कहा था कि राज्य में करीब 24,000 खदानें थी जिनमें से अधिकांश अवैध थीं।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल दिसंबर में राज्य में कोयला खदान त्रासदी के मद्देनजर कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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