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    नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कांग्रेस पर निजीकरण को लेकर ‘दोहरा मानदंड’ अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राय बरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 2014 तक एक भी कोच नहीं बनाया। राय बरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निजीकरण का संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विरोध किया था।

    रेल मंत्री का यह बयान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद आया है। चौधरी ने एक दिन पहले सोनिया गांधी के बयान को ज्यादातर दोहराया था।

    पीयूष गोयल ने कहा, “हमें मुख्य विपक्षी दल का बीते रोज व आज संसद में दोहरे मानदंड की झलक देखने को मिली।”

    गोयल ने पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम के बजट 2004-05 के भाषण के हवाले से कहा कि ‘विनिवेश और निजीकरण उपयोगी आर्थिक औजार हैं’ और कहा कि संप्रग सरकार चुनिंदा नीति के अनुरूप इन औजारों को चुनती है।

    चिदंबरम के हवाले से कहा गया, “इसमें पहले चरण में मैं बोर्ड फॉर रिकंस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (बीआरपीएसई) की स्थापना का प्रस्ताव देता हूं। बोर्ड सरकार को पीएसई के पुनर्गठन के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के लिए सलाह देगा। इसमें विनिवेश या बंद करने या बिक्री को सही ठहराए जाने के मामले शामिल हैं।”

    गोयल ने कहा कि निजी कंपनियों को जीएसटीएन में ज्यादा हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने के बारे में आलोचना की गई थी और सितंबर 2018 में मोदी सरकार ने इसे एक सरकारी इकाई में बदल दिया।

    पीयूष गोयल ने दिल्ली व मुंबई हवाईअड्डों के निजीकरण का भी जिक्र किया।

    उन्होंने कहा कि जनवरी 2006 में नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की कि अधिकार प्राप्त मंत्री समूह ने दिल्ली व मुंबई हवाईअड्डों के प्रबंधन अधिकारों को बेचने पर सहमति जताई है और उन्हें मई में निजी पक्षों को सौंप दिए गए।

    फिर से 2005-06 के बजट भाषण के हवाले से गोयल ने कहा कि चिदंबरम ने कहा था कि सिक्युरिटीज कांट्रैक्टस (रेग्युलेशन) अधिनियम, 1956 को सभी स्टॉक एक्सचेंज को कॉरपोरेटराइज व डी-म्यूट्यूलाइज करने की जरूरत है।

    गोयल ने कहा कि यह साबित करता है कि कांग्रेस सरकार ने कॉरपोरेटाइजेशन के नाम पर निजीकरण किया।

    उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आधुनिक एलएचबी और एल्यूमीनियम ट्रेन के डिब्बों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक इंजन का भी उत्पादन किया है।

    उन्होंने कहा, “हमने स्वामित्व को सरकारी हाथों में रखा और निजी कंपनियों को पूरा अधिकार नहीं दिया।”

    गोयल ने कहा कि 2007 से 2014 तक राय बरेली कोच फैक्ट्री ने एक भी कोच नहीं बनाया।

    उन्होंने कहा, “उनके समय में फैक्ट्री में नवीनीकरण जैसे मामूली कार्य किए गए। हमने इस प्रोडक्शन फैक्ट्री में लोगों को नौकरी दी। इसके परिणामस्वरूप इसी फैक्ट्री में पिछले साल 1,422 कोच बनाए गए। इसकी बीते साल में क्षमता हजार कोच की थी।”

    सोनिया गांधी ने मंगलवार को सरकार पर छह रेल उत्पादन इकाइयों के निजीकरण की योजना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह अनमोल आर्थिक संपत्तियों को निजी हाथों में देने का पहला प्रयास है, जिससे हजारों लोग बरोजगार होंगे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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