पाकिस्तान को नकदी से संकट से बचाने के लिए क़तर ने इस्लामाबाद के स्टेट बैंक में 50 करोड़ डॉलर की पहली रकम जमा करा दी थी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, शनिवार को स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान ने क़तर की तरफ से मिले 50 करोड़ डॉलर की पुष्टि की है।
क़तर ने पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर दिए:
दोहा ने 24 जून को ऐलान किया कि उन्होंने पाकिस्तान में तीन अरब डॉलर निवेश करने करने के इच्छुक है। यह मदद पाकिस्तानी को वित्तीय संकट से उभारने के लिए हैं। सोमवार को क़तर के विदेश मंत्री तमीम बिन हमद अल ठानी ने पाकिस्तान की दो दिनों की यात्रा की थी।
इमरान खान की सरकार अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क़तर की न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि “आमिर शेख तमीम बिन हमद अल ठानी, उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलो के मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल ठानी ने के निर्देशों पर नए निवेश को डिपॉजिट के रूप में और प्रत्यक्ष निवेश के रूप में इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान ने तीन अरब डॉलर डिपॉजिट किया था।”
क़तर-पाकिस्तान आर्थिक साझेदारी नए निवेश पैकेज के साथ नौ अरब डॉलर की हो गयी है। ट्वीटर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफ़ीज़ शेख ने कहा कि “हम क़तर के विदेश मंत्री तमीम बिन हमद अल ठानी को तीन अरब डॉलर डिपॉजिट करने के लिए शुक्रिया कहना चाहते हैं। यह दोनों देशों के बीच संबंधों को विकसित करने के लिए दृढ़ है।”
पाकिस्तान को वित्तीय सहायता:
पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज मुहैया करने वाला क़तर चौथा देश है। इससे पूर्व चीन, सऊदी अरब अमीरात और सऊदी अरब ने बेलआउट पैकेज मुहैया किया था। चीन ने पाकिस्तान को 4.6 अरब डॉलर के रूप में डिपॉजिट और वाणिज्य कर्ज मुहैया किया था।
सऊदी अरब ने तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का ऐलान किया था और इसके आलावा 3.2 अरब डॉलर के रूप में तेल की कीमत में रियायत बरती थी। यूएई ने बेलआउट पैकेज के रूप में पाकिस्तान को दो अरब डॉलर मुहैया किये थे।
बीते महीने इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ छह अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर पहुंच गया था। इस समझौते को 3 जुलाई को आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड मंजूरी दे सकता है।