Sat. Nov 2nd, 2024
    Prashant Kanojia

    नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ‘आपत्तिजनक’ ट्वीट करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया की तत्काल रिहाई के आदेश दिए हैं।

    कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने अपने पति की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सोमवार को शीर्ष अदालत का रुख किया था।

    न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने कहा, “हम राज्य की ओर से पत्रकार को गिरफ्तार करने की कार्रवाई के बाद उसकी स्वतंत्रता छीना जाना नामंजूर करते हैं।”

    अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को उदारता और क्षमा के सिद्धांत को प्रदर्शित करने को कहा।

    अदालत ने उत्तर प्रदेश के वकील की कनौजिया की गिरफ्तारी को सही ठहराने की कोशिश को नामंजूर करते हुए कहा, “हम उस देश में रहते हैं जिसका एक संविधान है और यह दुनिया में सबसे बेहतरीन है।”

    वकील ने बहस के दौरान कहा कि कनौजिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से किसी के अधिकार का हनन किया लेकिन अदालत ने कहा कि इसे किसी व्यक्ति को सलाखों के पीछे डालकर सही नहीं ठहराया जा सकता।

    अदालत ने कहा, “सवाल यह है कि वह सलाखों के पीछे है..और हम आजादी से वंचित रखने के किसी भी कार्य को नामंजूर करते हैं।”

    अदालत ने कहा, “हम आदेश देते हैं कि याचिकाकर्ता को निचली अदालत द्वारा शर्त के अनुसार जमानत द्वारा रिहा किया जाना चाहिए। यह भी स्पष्ट है कि इस आदेश को सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट/पोस्ट को स्वीकृति देने के तौर पर नहीं देखा जा सकता।”

    कनौजिया के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस शनिवार को दिल्ली से ले गई थी। हालांकि उनकी औपचारिक गिरफ्तारी लखनऊ से बताई जा रही है।

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित रूप से मामले में स्वत: संज्ञान के आधार पर कार्रवाई की है।

    कनौजिया की पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय में पुलिस की कार्रवाई को चुनौती दी।

    अदालत ने देखा कि नागरिक की आजादी अटल और अनिवार्य है, क्योंकि यह संविधान द्वारा प्रदत्त है और इसका हनन नहीं किया जा सकता।

    वकील नित्या रामकृष्णन ने न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष जगीशा अरोड़ा की ओर से मामले को रखा था और कनौजिया की गिरफ्तारी को ‘अवैध व असंवैधानिक’ बताते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की थी।

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ में 7 जून को हजरतगंज पुलिस स्टेशन में कनौजिया के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

    कनौजिया ने आदित्यनाथ पर एक वीडियो के साथ व्यंगात्मक टिप्पणी की थी, जिसमें एक महिला ने कथित रूप से दावा किया था कि वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए लगातार मुख्यमंत्री के संपर्क में है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *