चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के वैश्विक प्रभुत्व की काफी आलोचना की है। दोनों ताकतवर देशों की अमेरिका के डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के साथ मतभेद जारी हैं। शी जिनपिंग ने सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में कहा कि “रिवर्स वैश्वीकरण और प्रधानता के उद्धभाव के कारण वैश्विक समाज नयी चुनौतियों का सामना कर रहा है।”
पुतिन और शी जिनपिंग ने सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प का नाम नहीं लिया है। अमेरिकी प्रशासन के साथ चीन के साथ सम्बन्धो में मतभेद जारी है। उनके मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प दो वैश्विक ताकतों के बीच तनाव को बढ़ा रहे हैं। ट्रम्प द्वारा समझौते के लिए चीन पर शुल्क लगाने के हथियार के बाबत शी जिनपिंग ने दोनों ताकतों के बीच असहमति को हटाने के लिए संयुक्त विश्वास करने का आग्रह किया है।
शी जिनपिंग ने मॉस्को में पुतिन के साथ इस बैठक के दौरान 20 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षार करने की सराहना की है। चीनी राष्ट्रपति तीन दिवसीय रूस की यात्रा पर थे। इसमें हुआवेई टेक्नोलॉजीज के साथ का समझौता भी शामिल है जो अभी अमेरिका में 5 जी नेटवर्क से प्रतिबंधों को झेल रही है।
पुतिन ने शुक्रवार को रूस-चीन सहयोग को वैश्विक स्थिरता को कायम रखने के लिए एक प्रमुख कारक बताया था। हुआवेई के खिलाफ ट्रम्प का अभियान वैश्विक अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार करने के प्रयासों का ताजा उदाहरण है। वह दबाव बनाने के लिए अमेरिकी डॉलर को एक औजार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूएन के महासचिव एंटोनियो गुएटरेस ने इसी पैनल में पुतिन और शी के साथ ही कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय तनावों के कारण विश्व नींद की अवस्था में नए शीत युद्ध की तरफ बढ़ रहा है। इसे रोकना ही होगा।”
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि “रूस और चीन के बीच संबंध अंतर्राष्ट्रीय शांति के गारंटर के रूप में काम करते हैं और अन्य देशों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण पेश करते हैं। रूसी-चीनी संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। हमारे संबंध ठोस पारस्परिक विश्वास और रणनीतिक द्विपक्षीय समर्थन पर आधारित हैं।”