उत्तर कोरिया और रूस के अधिकारीयों ने शुक्रवार को मुलाकात की थी और अर्थव्यवस्था व व्यापार के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए कई तरीको पर चर्चा की थी। प्रतिनिधि समूह का प्रनिधित्व उत्तर कोरिया के आर्थिक मामलो के मंत्री किम योंग जाइ और रुसी समकक्षी अलेक्सेंडर कोज़लोव ने पियांग्यांग में की थी।
कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वार्ता चर्चा उत्तर कोरिया-रुसी इंटरगवर्मेंटल कमिटी फॉर कॉर्पोरेशन के कारोबार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीक में आगे के कार्य के लिए जरुरी था और दोनों देशों के बीच समान फायदेमंद आर्थिक और कारोबारी संबंधों को उच्च स्तर तक लेकर जाता।”
इस बैठक का आयोजन उस वक़्त हुआ जब दोनों देश अर्थव्यवस्था और व्यापार की मज़बूती की तरफ एक टक निगाहें गड़ायें हुए हैं। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अप्रैल में रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के लिए मॉस्को की यात्रा की थी। साल 2011 में सत्ता हासिल करने के बड़ा यह रूस की उनकी पहली यात्रा थी।
अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ कूटनीतिक पंहुच का विस्तार करने के लिए उत्तर कोरिया ने विभिन्न कदम उठाये हैं। इसमें चीन और रूस भी शामिल है। प्योंगयांग की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक प्रतिबन्ध लागू है। अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता में थोड़ी प्रगति के कारण ही उत्तर कोरिया पर अभी तक प्रतिबन्ध लागू हैं।
दोनों देशों के बीच वियतमान में आयोजित दुसरे शिखर सम्मेलन के बाद बातचीत की प्रक्रया ठप पड़ी हुई है। यह मुलाकात बगैर किसी समझौते के खत्म हो गयी थी। दोनों पक्ष प्रतिबंधों से रिआयत के मतभेदों को सुलझाने में असमर्थ रहे थे। उत्तर कोरिया ने इसके बाद निराशा में कई मिसाइलो का परिक्षण किया था।
हाल ही में अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मालवाहक जहाज को जब्त कर लिए था। अमेरिका के मुताबिक, इस जहाज में कोयला व अन्य उत्पादों को भेजा रहा था जो सरकार पर लागू वैश्विक प्रतिबंधों का उल्लंघन है।”