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    lu kang

    बीजिंग, 28 मई (आईएएनएस)| अमेरिकी राजनयिक द्वारा चीन को भारत में रह रहे तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के साथ वार्ता की दी गई सलाह पर मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने अमेरिका से तिब्बत में दखल देना बंद करने के लिए कहा।

    चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रैनस्टैड ने पिछले हफ्ते अपनी तिब्बत की यात्रा के दौरान चीनी सरकार के अधिकारियों को आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के साथ बातचीत करने की सलाह दी थी और बीजिंग पर तिब्बत क्षेत्र में धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक लगाने के खिलाफ निशाना साधा था।

    चीन 14वें दलाई लामा को एक अलगाववादी के रूप में देखता है। उसने अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई है।

    चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, “अमेरिकी राजदूत ने हाल ही में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दौरा किया और वहां के अधिकारियों ने भी उनसे मुलाकात की। उन्होंने स्थानीय समुदायों, शैक्षिक और सांस्कृतिक संस्थानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लोगों से भी मुलाकात की।”

    लू कांग ने कहा, “चीन ने अमेरिका को अपनी धार्मिक और जातीय नीतियों के बारे में और तिब्बत में सामाजिक-आर्थिक विकास के बारे में भी जानकारी दी .. दलाई लामा के साथ संवाद और विदेशियों के तिब्बत तक पहुंच और संपर्क को लेकर चीन ने अपनी नीति को स्पष्ट किया। साथ ही साफ कर दिया कि चीन तिब्बत में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है।”

    अधिकारियों और पत्रकारों को तिब्बत तक पहुंचने से वंचित करने वाले चीनी अधिकारियों को पिछले साल, वाशिंगटन ने कानून बनाकर वीजा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ब्रैनस्टैड 2015 के बाद से तिब्बत का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी दूत रहे।

    तिब्बत चीन का अशांत क्षेत्र है जो विदेशी पत्रकारों और राजनयिकों की पहुंच से आम तौर से दूर रहता है।

    बीजिंग तिब्बत में दलाई लामा को ‘परेशानी पैदा करनेवाले’ व्यक्ति के रूप में देखाता है। दलाई लामा 1959 में एक असफल विद्रोह के बाद भारत आ गए थे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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