भारतीय क्रिकेट टीम को अपने पहले अभ्यास मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ स्विंग-फ्रेंडली पिच में 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। जहां बल्लेबाजो को इस पिच पर बल्लेबाजी करने में परेशानी हो रही थी वही हार्दिक पांड्या ने 37 गेंदो में 30 रन की पारी खेली थी और गेंदबाजी करते हुए वह एक विकेट भी चटकाया था।
हार्दिक पांड्या आईपीएल से ही बल्ले के साथ अच्छे संपर्क में है और इंग्लैंड की सपाट पिचो में वह टीम के लिए अहम भूमिका निभा सकते है।
हार्दिक पांड्या का यह पहला विश्वकप है और यह उनके एक अच्छा प्रदर्शन करने के लिए शानदार मंच भी है क्योंकि अगर वह यहा अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से टीम के लिए अच्छी भूमिका निभाते है और टीम के लिए मैच विजेता बनते है तो प्रशंसक उनके पिछले विवाद को भूला सकते है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस प्रकार उन्होने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए बल्लेबाजी की और 16 मैचो में 192 के स्ट्राइक रेट से 402 रन बनाए थे। क्या वह इसे विश्वकप में भी भारत के लिए दोहरा पाएंगे? यहां तक की प्रारुप अलग है लेकिन इससे उनका फायदा होगा। क्योंकि जिस तरह से मैं उन्हे जानता हूं, वह एक परिपक्व तरीके से बल्लेबाजी करते है, जब लंबे शॉट की जरुरत होती है तब वह शॉट के लिए जाते है नही तो वह परिस्थितियो के हिसाब से खेलना पसंद करते है।”
भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे जिनके पास हार्दिक को अपने अकादमी ज्वांइन करने के बाद से जानते है उन्होने कहा था, ” “उनकी हालिया सफलता का मुख्य बिंदु उनकी बल्लेबाजी में परिपक्वता है, जो उम्र के साथ सामने आती है। अब लोग उनसे डरते है जो वह करते है। टीमे उनको आउट करने के लिए रणनीति बनाती है लेकिन वह अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी जारी रखते है।”
उन्होने आगे कहा, धोनी और हार्दिक डेथ ओवर में टीम के लिए महत्वपूर्ण हो सकते है जब बात बड़े स्कोर बनाने की हो। पांड्या ने टेस्ट मैचो में भी शतक लगाए है। वह हर प्रारुप में अच्छा करते आए है। मैं हमेशा उस खिलाड़ी पर विश्वास कर सकता हूं जो टेस्ट मैं अच्छा करते है, वह एकदिवसीय क्रिकेट में भी अच्छा करेंगे। वह अब भारत के लिए तीनो प्रारुपो में एक अहम खिलाड़ी है।”