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    जीएसटी राजस्व

    केंद्र सरकार ने अप्रैल-नवंबर महीने में जीएसटी राजस्व में आई गिरावट के लिए राज्यों को मुआवजे दिए, जिससे राज्यों ने इस अवधि के अंदर अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया। बावजूद इसके जीएसटी के कई जरूरी प्रावधानों का क्रियान्वयन आगे के लिए टाल दिया गया है।
    आपको जानकारी के लिए बता दें कि जुलाई-अगस्त के लिए राज्यों की राजस्व भरपाई के लिए सरकार ने 10,806 करोड़ रुपए जारी किए। इस प्रकार सितंबर-अक्टूबर महीने के लिए 13,695 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा रही है।

    वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां निर्धारित लक्ष्य से कम रही। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अक्टूबर महीने में 50.1 लाख व्यवसायियों ने जीएसटी रिटर्न भरा जिससे 83,346 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ। जबकि सितंबर महीने में कुल 92,000 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया।

    वित्त मंत्रालय ने यह भी बयान दिया कि अगस्त-नवंबर महीने की अवधि में राज्यों का राजस्व 157,442 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें 87,238 करोड़ रूपए का राजस्व राज्य जीएसटी के रूप में प्राप्त हुए। इसी अवधि में, केंद्र सरकार ने सीजीएसटी के रूपए 58,556 करोड़ रूपए तथा आईजीएसटी के तहत 26,378 करोड़ रूपय हासिल किए। इस प्रकार अगस्त-नवंबर महीने में केंद्र सरकार ने मात्र 84934 करोड़ रूपए एकत्र किए।

    इस प्रकार जीएसटी दरों के ​अनुसार अभी तक राज्य सरकारों को राजस्व पूरी तरह से संरक्षित है, साल 2015-16 के आधार पर राज्यों के राजस्व में 14 फीसदी की अनुमानित वृद्धि देखने को मिली है। वित्त मंत्रालय के अनुसार एक जुलाई से लागू जीएसटी के तहत टैक्स दर में कुल कटौती को सरकार के राजस्व में हुई कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

    हांलाकि अब मंत्रालय ने कहा कि चूंकि ज्यादातर वस्तुओं को जीसटी से सबसे नीचे दरों पर लाया जा चुका है, ऐसे में सरकार के राजस्व पर कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा।  य​द्यपि यद्यपि 9.6 मिलियन करदाता जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 1.5 मिलियन को क्वार्टरली फाइल रिटर्न करनी होती है। जुलाई-अक्टूबर के बीच मासिक रिटर्न 5-6 मिलियन है।

    गौरतलब है कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद से केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्यों में लगने वाले वैट सहित दर्जनभर से अधिक करों को एक ही जगह समायोजित कर दिया गया है। इसके बाद जो भी जीएसटी प्राप्त होता है, उसे केंद्र तथा राज्यों में बांटा जाता है।
    आंकड़ों के अनुसार जीएसटी लाूग होने से पहले जुलाई में कुल 95,000 करोड़ रूपए राजस्व की प्राप्ति हुई थी, जबकि यही राजस्व अगस्त और सितंबर में क्रमश: 91,000 करोड़ रूपए तथा 92,150 करोड़ रूपए रह गया।