Sat. Nov 23rd, 2024
    नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव

    बिहार में महागठबंधन को लेकर चल रहा विवाद अब थमता नजर आ रहा है। मंगलवार शाम को पटना में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवरों में नरमी नजर आई। उन्होंने स्पष्ट तौर पर तेजस्वी के इस्तीफे के बारे में तो कुछ नहीं कहा पर उनका रुख कुछ बदला सा नजर आ रहा था।

    इससे पहले जेडीयू ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को अपनी जिद छोड़ने की सलाह देते हुए कहा था कि महागठबंधन को बचाने के लिए जेडीयू तेजस्वी के इस्तीफे से कम किसी भी बात पर राजी नहीं होगा। नीतीश कुमार अपनी सुशासन बाबू की छवि को बनाये रखना चाहते थे। वहीं आरजेडी सुप्रीमो और पार्टी के सभी विधायक तेजस्वी के इस्तीफ़ा देने की बात पर राजी नहीं थे। उनका आरोप था कि महागठबंधन को तोड़ने के लिए यह भाजपा की साजिश है और नीतीश कुमार पर विपक्ष बेवजह दबाव बना रहा है।

    तेजस्वी ने कैबिनेट के सामने रखा अपना पक्ष

    तेजस्वी यादव ने मंगलवार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जिस समय की घटना को लेकर उनपर आरोप लग रहे हैं उस समय वो किसी सरकारी पद पर नहीं थे। ऐसे हालातों में वो प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट में दोषी कैसे हो सकते हैं। तेजस्वी ने कहा कि वो सीबीआई के इस कदम के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे और अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे। अगर उनकी जमानत अर्जी नामंज़ूर होती है तब वो दोषी होंगे और इस्तीफ़ा देंगे। जमानत मिलने कि स्थिति में इस्तीफ़ा देने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने भाजपा नेत्री उमा भारती का उदाहरण देते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अभी सुनवाई चल रही है। उमा भारती पर आरोप है और फिर भी वह पद पर बरकरार हैं। इसके मुकाबले उनपर लगे आरोप तो बहुत मामूली हैं। उन्होंने कहा कि वो बेक़सूर हैं और इस देश की न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है।

    इस बैठक के बाद फिलहाल के लिए तेजस्वी यादव के पद से इस्तीफे की सम्भावनायें टल गई है। महागठबंधन फिर से एकजुट होता दिखाई दे रहा है और अब इसका भविष्य न्यायालय के अगले आदेश पर निर्भर करेगा।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।