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    नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि राज्य में संवेदनशील स्थिति के कारण मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को नहीं हटाया।

    संविधान में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया गया है।

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता गडकरी ने हालांकि कहा कि पार्टी संविधान के इस विशेष प्रावधान को हटाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

    वरिष्ठ पत्रकारा करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि कश्मीर में रोजगार पैदा करने के लिए ज्यादा उद्योग और निवेश की जरूरत है, लेकिन अनुच्छे 370 जमीन प्राप्त करने की राह में अड़चन है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर कश्मीर का संबंध भारत के अन्य हिस्सों से टूट जाएगा? गडकरी ने कहा कि पार्टी इसे समाप्त करने को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर के हालात को लेकर लोकसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद ऐसा नहीं किया गया।

    साक्षात्कार में मंत्री ने कहा, “हमारी पार्टी अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए निरस्त करने को लेकर प्रतिबद्ध है। लेकिन वहां (जम्मू एवं कश्मीर) संवेदनशील हालात के कारण हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। इस बार हम पूर्ण बहुमत में थे फिर भी हम इस दिशा में काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि इसको लेकर जहां तक पार्टी की धारणा, नीति और नजरिए का सवाल है तो यह चिंता का विषय है।”

    उन्होंने कहा, “चूंकि हालात संवेदनशील हैं, इसके कारण इसे लागू करना उचित नहीं है। लेकिन जहां तक पार्टी का सवाल है, पिछले कई दिनों से इस पर विचार चल रहा है।”

    भाजपा लंबे समय से वादा करती आ रही है कि वह अनुच्छेद 370 को हटाएगी।

    गडकरी ने जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में कहा, “हमें अधिक से अधिक होटलों, रेस्तराओं और रिसॉर्ट की जरूरत है। हमें पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। लेकिन अनुच्छेद 370 के कारण वहां कोई जमीन नहीं खरीद सकता है। आईटी कंपनियां वहां अपना केंद्र स्थापित नहीं कर सकती हैं। यही कारण है कि लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।”

    जब यह बताया गया कि प्रदेश सरकार से 100 साल के पट्टे पर जमीन अधिग्रहण किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि ताज या ओबराय जैसी बड़ी होटल कंपनियों में से कोई कश्मीर में होटल खोलने की स्थिति में नहीं थी।

    उन्होंने कहा, “वे अब विस्तार नहीं करना चाहते हैं। मैंने उनसे बात की है। इस कानून के कारण कई कानूनी समस्याएं हैं। वे वहां निर्माण कार्य नहीं कर सकते हैं और विस्तार नहीं कर सकते हैं। यह समस्या है।”

    उनसे जब पूछा गया कि मोदी सरकार में कश्मीर में हालात काफी खराब हुए हैं तो गडकरी ने कहा, “यह कश्मीर के लोगों के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान के कारण हुआ है।”

    उन्होंने कहा कि कश्मीर की आर्थिक प्रगति पार्टी के एजेंडे में शामिल है।

    उन्होंने कहा, “हमने 40,000 करोड़ रुपये का काम अपने विभाग के तहत कश्मीर में शुरू किया है। हम सड़कों और सुरंगों का निर्माण कर रहे हैं। कश्मीरियों की मदद करने के लिए सरकार ने कई फैसले लिए हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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