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    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान

    सऊदी अरब ने ऐलान किया था कि इतिहास के सबसे बड़े स्तर की सज़ा उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में दी थी। कई व्यक्तियों ने मौत की सज़ा की आलोचना की थी और कहा कि “वे बेकसूर थे और उनका कबूलनामा उन्ही लोगो ने लिखा था जिन्होंने उनका उत्पीड़न किया था।”

    37 नागरिकों का सिर कलम

    सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी जिंदगी की सुरक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर की थी और व्यक्ति ने दावा किया कि “उनका पास पूछताछ के दौरान दुर्व्यवहार के सबूत मौजूद है लेकिन अदालत में उनकी एक न चली और साल 2016 आतंकवाद से सम्बन्ध होने का उन्हें दोषी पाया गया और इस दौरान मौत की सज़ा सुना दी गयी थी।”

    मंगलवार को रियाद ने ऐलान किया कि “उन्होंने अपराध के कबूलनामे के आधार पर 37 लोगो का सिर कलम किया है, इसमें दो नाबालिग भी शामिल थे। इन व्यक्तियों में से एक का सिर कलम करने के बाद उसे सूली पर चढ़ाया गया था, उसे लटकाये रखा और अन्य लोगो को चेतावनी जारी की थी।”

    सीएनएन ने 100 पन्नो के दस्तावेज में साल 2016 की सुनवाई में 25 लोगो की सुनवाई हुई थी जिनकी इस हफ्ते मौत की घोषणा की गयी थी। इनमे से 11 ने ईरान और 14 अन्य राष्ट्रों के लिए जासूसी करने के लिए गुनहगार घोषित किया गया। इनका अपराध साल 2011-2012 में शिया शहर अवामिया के सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान आतंकियों का विस्तार करना था। इनमे से अधिकतर सऊदी अरब के अल्पसंख्यक शिया समुदाय से थे।

    यूएन की चिंता

    जब साल 2017 में यूएन ने इस पर चिंता जाहिर की तो इस मामले में कबूलनामे के लिए प्रताड़ित किया गया था। इसके बाद सऊदी अरब की सरकार ने इन आरोपों को ख़ारिज किया था और कहा कि अपराधियों ने अपने गुनाह को अदालत में कबूल किया है। हालाँकि सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अवामिया के कुछ व्यक्ति निरंतर अदालत में कहते रहे हैं कि यह बयान गलत है और उन्हें प्रताड़ित करके इस बयान को लिया गया है।

    कुछ मामलो में संदिग्धों को बयान पर अंगूठा लगाने का ही अधिकार होता था। मंगलवार को मृतकों में से एक मुनीर अल आदम ने कहा था कि “यह मेरे शब्द नहीं है, मैनी यह चिट्ठी नहीं लिखी है। यह पूछताछ करने वाले ने अपने हाथो से कबूलनामा लिखा दिया है।” सऊदी अरब ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई बयान नहीं दिया है।

    एमनेस्टी इंटरनेशनल और सऊदी के कार्यकर्ताओं के मुताबिक, सज़ा से पूर्व संदिग्धों के परिवार को सूचित नहीं किया गया था। विश्व में मृत्युदंड का दर सबसे अधिक सऊदी अरब में हैं। जनवरी 2016 में रियाद ने 47 लोगो का सिर कलम किया था। इसमें शिया मौलवी निम्र-अल-निम्र भी शामिल थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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