रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरूवार को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया को सुरक्षा की गारंटी की जरुरत है और इसके बाद ही अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत परमाणु निरस्त्रीकरण को हासिल किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि “हमें अंतर्राष्ट्रीय कानून की ताकत बहाल करने की जरुरत है। एक राज्य को वापस लाना है, जहां अंतर्राष्ट्रीय कानून विश्व की हालात को निर्धारित करते हैं। मैंने किम के साथ इस मसले पर चर्चा की थी।”
व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि “यहां कोई राज़ नहीं है और न साजिश हैं। चेयरमैन किम ने खुद हमें उनकी स्थिति के बाबत अमेरिकी सरकार को सूचित करने के लिए कहा है। रूस के हित अमेरिका के साथ मेल खाते हैं कि दोनों ही देशों में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “परमाणु विवाद का कम न होना एक चिंतित विषय हैं और यह निश्चित रूप से एक सामान्य प्राथमिकता है। उत्तर कोरिया के नेता ने भी यह विचारधारा साझा की है। हमें सुरक्षा की गारंटी चाहिए, बस। हम सभी को एक साथ ही बारे में सोचना जरुरी है।”
केसीएनए को किम ने बताया कि “राष्ट्रपति पुतिन और मैंने कोरियाई पेनिनसुला, अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मसलो पर शान्ति और स्थिरता की सार्थक बातचीत की थी। हमारी एक मज़बूत सरकार है और रिपब्लिक सरकार की रणनीतिक नीति निरंतर मज़बूत होती रहेगी और सदी की मांग के लिहाज से विकसित होगी।”
हाल ही में सीबीएस के साथ इंटरव्यू में माइक पोम्पिओ ने कहा कि “उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के मंसूबो ने उन्हें सुरक्षा की बजाये खतरे में झोंक दिया है। इससे परिणाम निकला है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश के परमाणु कार्यक्रम को त्यागने का रणनीतिक निर्णय लिया है या है नहीं।”