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    भारत में विद्युत वाहन

    केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की खपत बढाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी है। सरकार के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल करने से सड़कों पर निजी कारों की संख्या पर काबू पाया जा सकता है। जिससे वायु प्रदुषण पर नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी।

    देश में विधुत वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन करने की योजना बनायी है, जिससे बड़े शहरों में बड़ी मात्रा में लोगों को इस विषय से जागरूक किया जा सके।

    इस विषय में नीति आयोग ने कई विभाग जैसे रोड एवं परिवहन, मौसम विभाग आदि के अधिकारियों से विचार विमर्श किया है।

    इस विषय में एक रिपोर्ट ने पाया है कि यदि भारत में पूरी तरह से विधुत से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल होता है, तो देश को सिर्फ तेल का उपयोग ना करने से करीबन 20 लाख करोड रूपए का फायदा हो सकता है।

    फिकी-रॉकी की इस रिपोर्ट ने आगे लिखा कि यदि सार्वजनिक तौर पर भी विधुत वाहनों का इस्तेमाल होता है, तो साल 2030 तक सिर्फ भारत में 4 करोड़ से ज्यादा विधुत वाहन बिक जायेंगे।

    नीति आयोग के एक वरिष्ट अधिकारी ने बताया, ‘यह योजना अभी शुरूआती चरण में है। हमनें इसमें अपने विचार रखे हैं। अंतिम फैसला अभी आना बाकी है।’

    दरअसल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अभी सबसे बड़ी चुनौती है, लोगों में इसके लिय जागरूकता की कमी एवं इलेक्ट्रिक माहौल की कमी। सरकार की कोशिश है कि किसी तरह लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए, जिससे लोग तेल से चलने वाली गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करें।

    इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि देशभर में विधुत चार्जर स्थापित किये जायें। आपको बता दें विधुत चार्जर सार्वजनिक तौर पर पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर स्थापित किये जायेंगे। आप वहां जाकर अपनी गाडी को चार्ज कर सकते हैं, एवं उसके बाद फिर से गाडी का इस्तेमाल कर सकते हैं। ( सम्बंधित खबर : नागपुर में खुला भारत का पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन )

    विधुत वाहनों के प्रयोग में एक अन्य चुनौती है, बैटरी। दरअसल ज्यादातर इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ लिथियम बैटरी से चलते हैं। वर्तमान में भारत में इन बैटरी की कीमत काफी ज्यादा है। ऐसे में सरकार का मानना है कि एक बार देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण शुरू हो जाए, उसके बाद धीरे-धीरे बैटरी की कीमत में गिरावट आ जायेगी।

    भारत सरकार की कोशिश है कि साल 2030 तक भारत में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल हो। इसी तर्ज पर भारतीय सरकार ने साल 2015 में फेम योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के जरिये आपको विधुत से चलने वाली मोटर साइकिल और गाडी खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी। यदि आप एक विधुत मोटर साइकिल खरीदते हैं, तो आपको 29,000 रूपए तक की छूट मिलेगी। वहीँ यदि आप इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं, तो आपको 1.38 लाख रूपए तक की छूट मिल सकती है।

    रोड एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस विषय में लगातार प्रयास कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले गडकरी ने एक कार्यकर्म के दौरान कहा था कि भारत में गाडी बनाने वाली कंपनियों को उन्होंने चेतावनी दी है, कि यदि दो सालों के भीतर उन्होंने इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ बनानी शुरू नहीं की, तो उनका व्यापार खतरे में पड़ सकता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।