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    रूस और उत्तर कोरिया

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहली बार उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ इस माह के अंत में मुलाकात करेंगे और मॉस्को की नज़र एक अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दे में मुख्य भूमिका निभाने की होगी। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच बीते वर्ष जून में हुई मुलाकात केबाद परमाणु निरस्त्रीकरण के आसार बढ़ रहे थे लेकिन इस वर्ष फरवरी में हुई मुलाकात बगैर किसी समझौते के अचानक रद्द कर दिया गयी थी और इसके बाद पियोग्यांग ने हथियारों का दोबारा परिक्षण किया था।

    रूस की भूमिका

    लम्बे समय से इस मुलाकात के लिए बेताब रुसी राष्ट्रपति अपने शीत युद्ध के मित्र के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका की कोशिश करेंगे। रूस का इस सम्मलेन में रूचि इसलिए हैं कि “वह अन्य खिलाडियों को दिखाना चाहता है कि वह भी खेल में बना हुआ है और इस क्षेत्र में उसकी राजनीतिक और आर्थिक क्षमता बरक़रार है।”

    सीओल की कुक्मिण यूनिवर्सिटी के अन्द्रेई लनकोव ने कहा कि “कोरियाई पेनिनसुला में रूस को थोड़ा नियंत्रण की आवश्यकता है। हालिया समारोह के कारण इस खेल से सभी बाहर हो गए थे और यह किसी को भी पसंद नहीं आएगा।”  किन को रूस बीते साल से बातचीत के लिए आमंत्रित कर रहा है लेकिन वह इस यात्रा में समय और संसाधन निवेश करने के अनिच्छुक थे क्योंकि मॉस्को इसमेंकोई बड़ा खिलाड़ी नहीं है।

    चीन, रूस और उत्तर कोरिया

    अलबत्ता अब किम सभी सहयोगियों को साथ लेकर रखना चाहते हैं क्योंकि अमेरिका के साथ दूसरा सम्मेलन विफल रहा था। मॉस्को के उत्तर कोरिया के साथ सोवियत संघ के समय से अच्छे सम्बन्ध है। व्लादिमीर पुतिन ने पियोंगयांग को अपना समर्थन दिया है। रूस ने पियोंगयांग को भोजन सामग्री भी मुहैया की थी जिसके लिए अमेरिका ने फटकार लगाई थी हालाँकि मास्को ने इन आरोपों को खारिज किया है।

    चीन के मुकाबले रूस थोड़ा पीछे रह जाता है क्योंकि चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार और सहयोगी है।किम जोंग उन ने बीते वर्ष सिंगापुर की यात्रा से पूर्व चीन की यात्रा की थी जो पियोंगयांग पर बीजिंग के प्रभाव को दर्शाता है। वैश्विक वार्ता में रूस की भूमिका उत्तर कोरिया और चीन के सतह समूह में हैं।

    रूस की विदेश नीति का फोकस सोवियत संघ के देशो और मध्य एशिया पर है। कोरिया के विश्लेषक कोंस्तांतिन अस्मोलोव ने कहा कि “इस मुलाकात के दौरान वादे, घोषणाएं होंगी और वे अगले पांच वर्षों में व्यापार में 10 गुना व्यापार में वृद्धि करेंगे लेकिन दो वर्षों के बाद वे सब भूल जायेंगे।”

    मॉस्को के मुताबिक, दोनों नेताओं की मुलाकात अप्रैल माह के अंत से पूर्व होगी और यह रूस के पूर्वी शहर व्लादिवोस्टोक में होगी जो उत्तर कोरिया की सीमा से लगता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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