विद्या बालन ने हाल ही में मंगलवार को क्रिटिक्स चॉइस फिल्म अवार्ड्स के पहले संस्करण के नामांकन की घोषणा के दौरान, 2007 में आई फिल्म “भूल भुलैया” को किसी अवार्ड्स सेरेमनी में नामांकन ना मिलने पर दुःख जताया। उन्होंने बताया कि जब उनके प्रदर्शन के लिए कोई नामांकन नहीं मिला था तो वह दुखी हो गयी थी।
फिल्म में विद्या ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था जिस पर एक भूत का साया आ जाता है। अवनि से मंजुलिका में उनका परिवर्तन सराहनीय था।
जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी अवार्ड सेरेमनी में नामांकन ना मिलने से कभी उन्हें बुरा लगा है तो उन्होंने कहा-“मुझे याद है ‘भूल भुलैया’ में मेरे प्रदर्शन के लिए मुझे नामांकित नहीं किया गया था। उस वक़्त मुझे वास्तव में बहुत बुरा लगा था क्योंकि हर कोई कह रहा था कि मैंने फिल्म में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है मगर किसी ने उस फिल्म के लिए मुझे नामांकित नहीं किया। मुझे याद है उसके बाद मैं काफी चौक गयी लेकिन मुझे लगता है कि ये ज़िन्दगी का हिस्सा है।”
अपने 14 साल के फिल्मी करियर में, विद्या ने कई अवार्ड जीते हैं जैसे नेशनल फिल्म अवार्ड, कई फिल्मफेयर अवार्ड्स, स्क्रीन अवार्ड्स, IIFA अवार्ड्स और ज़ी सिने अवार्ड्स।
अवार्ड सेरेमनी पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने कहा-“मैंने अपने करियर में बहुत से फिल्म अवार्ड्स जीते हैं इसलिए मैं बहुत खुश हूँ। मुझे लगता है कि एक इंडस्ट्री होने के नाते, हमें एक-दूसरे की उपलब्धियों की सराहना करनी चाहिए। कभी तुम जीतते हो और कभी कोई और अवार्ड जीतता है, लेकिन तुम्हे इसे इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए कि तुम गुस्सा हो जाओ।”
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क्रिटिक्स चॉइस फिल्म अवार्ड्स के कांसेप्ट की सराहना करते हुए विद्या ने कहा-“मुझे लगता है कि ये शानदार है क्योंकि हम में से अधिकांश लोग एक अवार्ड सेरेमनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जब ये लोग, देश के बेस्ट क्रिटिक्स शामिल होते हैं, तो मुझे लगता है कि हम महान विश्वसनीयता की उम्मीद कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि यह हमारे देश के भरोसेमंद अवार्ड सेरेमनी में से एक होने जा रहा है।”