उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। कांग्रेस ने पहले ही महात्मा गाँधी के पोते गोपालकृष्ण गाँधी को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने उन्हें असम्प्रदायिक सोच वाला व्यक्ति बताया। वही भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। कल नामांकन का आखिरी दिन है। आज शाम को राष्ट्रपति चुनाव के बाद भाजपा की बैठक बुलाई गई है। उम्मीद है कि बैठक के बाद भाजपा द्वारा उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी जायेगी।
ये है दौड़ में
सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति पद के लिए दलित कार्ड खेलने वाली भाजपा उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी सवर्ण का नाम आगे कर सकती है। जिन नामों की सबसे ज्यादा अटकलें लगाई जा रही हैं उनमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, पूर्व अल्पसंखयक कल्याण मंत्री डॉ. नज़मा हेपतुल्ला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल प्रमुख हैं।
वेंकैया बन सकते है भाजपा के ट्रम्प कार्ड
आजादी के 70 सालों बाद भी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के अलावा कोई दल दक्षिण भारत में अपना पाँव नहीं जमा सका है। भाजपा काफी अरसे से दक्षिण में पाँव ज़माने की फ़िराक़ में हैं। ऐसे में वेंकैया नायडू की दावेदारी उसके लिए “सोने पर सुहागा” का काम कर सकती है। वेंकैया सरकार के भरोसेमंद हैं और दक्षिण भारत में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। उनकी छवि भी साफ़-सुथरे राजनीतिज्ञ की रही है और वह एक कुशल वक्ता हैं। उन्हें राज्यसभा में काम करने का लम्बा अनुभव है और ऐसे में वो राज्यसभा में भाजपा की कमजोर धाक को फिर से धार देने में सक्षम हैं।
2017 में दांव, 2019 में फायदा
2019 में होने वाले चुनावों के मद्देनजर भाजपा सरकार अब हर कदम फूँक-फूँक कर रख रही है। राष्ट्रपति पद के लिए श्री रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी से उसने उत्तर प्रदेश,बिहार,मध्य प्रदेश,राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के दलित वोटरों को भरोसे में ले लिया है और योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर उसने सवर्णों में अपनी धाक और जमा ली है। अब उसकी नजरें दक्षिण भारत की तरफ हैं। दक्षिण के तीन राज्यों आंध्र, तेलंगाना और तमिलनाडु में इस बिरादरी के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। कर्नाटक में भाजपा पहले से ही विपक्ष में हैं। ऐसे में वेंकैया को अपना उम्मीदवार घोषित करके भाजपा दक्षिण में अपना जनाधार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वेंकैया नायडू दक्षिण भारत में अपनी साफ़-सुथरी छवि के कारण लोकप्रिय भी हैं।
राज्यसभा में बढ़ेगा रूतबा
वेंकैया अगर उपराष्ट्रपति बनते हैं तो राज्यसभा में अबतक कमजोर नजर आ रही भाजपा का रुतबा बढ़ जायेगा। ऐसे में उसे कोई भी नया बिल पास कराने में आसानी होगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद नायडू मोदी सरकार के सबसे अनुभवी मंत्री हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी के शासनकाल में नायडू ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। मोदी सरकार में वो इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं।