सीरिया ने बुधवार को कहा कि इजराइल ने उत्तर के अलेप्पो शहर में कई लक्ष्यों पर निशाना साधा था और उनकी रक्षा सेना ने कई मिसाइलो को मार गिराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा सोमवार को गोलन हाइट्स इजराइल को सौंपने के बाद यह सीरीआई क्षेत्र पर हवाई हमला है।
मानव अधिकार की एक समिति नें कहा है कि इस हवाई हमले में सात इरानी सैनिकों की मौत हो गई है। इजराइल नें अलेप्पो अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आसपास बम बरसाए थे।
मारे गए सैनिकों की नागरिकता अभी तक साफ़ नहीं हो पाई है। शुरुआत में कहा गया था कि सातों सैनिक ईरान के हैं, लेकिन बाद की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि एक सैनिक ईरान से था जबकि 6 सैनिक इराक से थे।
इसराइल की सेना नें इस हमले की पुष्टि नहीं की थी लेकिन इजराइल के कार्यकारी विदेश मंत्री इसराइल काट्ज नें हारेट्ज़ को बताया कि जहाँ तक ईरान जानता है, यह इजराइल का काम है।
सीरियन मिलिट्री के मुताबिक, “इजराइल की सेना नें शेख नज्जार औद्योगिक क्षेत्र में हमले किये। इस दौरान इरानी सेना नें कई मिसाइल मार गिराए थे।”
टाइम्स ऑफ़ इजराइल के मुताबिक सीरिया सरकारी सना न्यूज़ एजेंसी ने सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा कि “इजराइल के आक्रमक हवाई हमले का जवाब सीरिया की वायुसेना ने दिया था। उन्होंने कई विध्वंशक मिसाइल को उत्तर पूर्वी अलेप्पो के शेख नजर इंडस्ट्रियल जोन की कई उद्योगिक साइटो को निशाना बनाया था।”
युद्ध निगरानीकर्ता समूह सीरीआई मानव अधिकार निगरानीकर्ता ने कहा कि “इजराइल ने ईरानी सेना और उसके सहयोगियों से सम्बंधित गोलाबारूद के ठिकानों पर बमबारी की थी और इस कारण जबरदस्त विस्फोट हुआ था। इसमें चार लोगों की मृत्यु हुई है और वॉरहॉउस सुरक्षाकर्मियों की भी मौत की खबर है।”
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अलेप्पो के निवासियों ने बताया कि “बमबारी के दौरान पूरे शहर में बिजली चली गयी थी।” इजराइल ने बीते कुछ वर्षों से सीरिया पर सैक्सोन हवाई हमले किये हैं, इसमें अधिकतर उसके प्रमुख दुश्मन ईरान और लेबनान के सहयोगी हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया जाता है। ताकि ईरान युद्धग्रस्त देश में अपनी सेना में वृद्धि न कर सके। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का ईरान सबसे बड़ा समर्थक है।
जनवरी में भी इजराइल ने सीरिया में स्थित ईरान के ठिकानों पर धावा बोला था, इसके जवाब में सीरिया के क्षेत्र से रॉकेट दागा गया था। निगरानी समूह के मुताबिक इस हमले में 21 लोगों की जान गयी थी जिसमे अधिकतर ईरान के थे। मई 2018 में इजराइल के हमले में सत्ता समर्थक 27 लोगों की जान गयी थी।
साल 1967 में छह दिनों की जंग के बाद इजराइल ने सीरिया से गोलन को छीन लिया था। इस आधिकारिक ऐलान ने अंतरार्ष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।
इजराइल पर हुआ था रॉकेट हमला
🎥WATCH: Moment of the launching of a rocket from #Gaza towards Israel, as documented from an Israeli community nearby:pic.twitter.com/aIc8rUnknA
— Israel Foreign Ministry (@IsraelMFA) March 25, 2019
गाजा पट्टी से दागे गए राकेट इजराइल के तेल अवीव के एक घर पर गिरा, जिससे पांच लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को गाजा पट्टी से किये गए राकेट हमले के जबरदस्त प्रतिकार का संकल्प लिया हैं।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उस समय अमेरिका के दौरे पर थे। नेतन्याहू नें अमेरिका से ही यह घोषणा कर दी थी कि वे इस हमले का बदला जरूरी लेंगे।
इजराइल की सेना नें हमले के तुरंत बाद बाद घोषणा कर दी थी कि उन्होनें गाजा पट्टी में ऐसे स्थानों की खोज शुरू कर दी है, जहाँ से हमले किये जा रहे हैं।
एक वरिष्ठ हमास के अधिकारी नें बताया था कि चूंकि किसी नें भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, इसका मतलब या तो यह हमला गलती से हुआ है या फिर किसी समूह के किसी एक व्यक्ति नें ऐसा किया है।