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    यशवंत सिन्हा, केंद्र सरकार,

    भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। सिन्हा ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री को घेरते हुए कहा कि 14वी सदी में दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने भी नोटबंदी की थी। मोदी के नोटबंदी वाले कदम की आलोचना करते हुए सिन्हा ने कहा कि इस निति ने देश की अर्थव्यवस्था को उथलपुथल कर दिया है। जब से नोटबंदी हुई है, तब से लेकर आजतक देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

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    अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान सिन्हा ने कहा कि ऐसे बहुत सारे शहंशाह आये जो अपनी मुद्रा लेकर आये और उसे ही प्रचलन में रखा। तो कोई ऐसा भी आया जिसने अपनी नई मुद्रा के साथ साथ पुराने मुद्राओ को भी चलन में रखा। लेकिन चौदहवी सदी में आये दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने अपने मुद्रा का प्रचलन कर पुराने मुद्राओ पर रोक लगा दी। ठीक वैसे ही सरकार की नीतिया है।

    इसके साथ ही सिन्हा ने जीएसटी पर केंद्रीय वित् मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि वस्तु और सेवा कर में जो गलतिया हुई है, उससे जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इसको देखते हुए अरुण जेटली को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, अगर जनता ऐसी मांग करे। उन्होंने कहा कि जेटली गुजरात की जनता को बोझ लगते है। अरुण जेटली गुजरात से राज्यसभा सांसद है केंद्र सरकार कि आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र कि सरकार ने सभी पहलुओं पर बिना विचार करते हुए जीएसटी लागु कर दी। केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने कहा कि भाजपा सरकार ने जीएसटी और नोटबंदी के रूप में जनता को एक के बाद एक बड़े झटके दिए। मोदी सरकार के इस रवैये से जनता काफी निराश है।

    सिन्हा ने एक प्रशन के उत्तर में कहा कि वित् मंत्री गुजरात से नहीं है लेकिन वह यहाँ से राज्यसभा के सदस्य चुने गए है। अगर जेटली को यहाँ से नहीं चुना गया होता तो किसी गुजरती को यह मौका मिलता, वित्तमंत्री गुजरात की जनता पर बोझ है। सिन्हा ने कहा कि जेटली केवल एक ही बात पर भरोसा करते है, चित भी मेरी और पट्ट भी मेरी। उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी और नोटबंदी के सारे पहलुओं पर सरकार पहले ही विचार विमर्श कर ली होती तो आज देश कि आर्थिक स्थिति बेहतर होती।

    सिन्हा ने जेटली के पद छोड़ने पर कहा कि अगर जनता यह मांग करती है तो उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। कुछ दिन पहले अरुण जेटली ने कहा था कि सिन्हा 80 के उम्र में भी काम तलाश कर रहे है। उस पर सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं अभी फिट हूँ, मुझे दूसरे लोगो की तरह बैठ कर भाषण देने नहीं आता है। उनका कहने का तातपर्य लोकसभा में बजट भाषण और अरुण जेटली के बीच था।

    सिन्हा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मेरे और मेरे बेटे के बीच कुछ लोगो ने दरार पैदा करने कि कोशिश की, लेकिन उन लोगो को कोई सफलता नहीं मिली।