नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शनिवार को चौंकाने वाले बयान दिए। उन्होंने कहा कि अगले तीन-चार सालों में देश के सभी लोग अपना वित्तीय लेनदेन मोबाइल फोन के जरिए ही करने लगेंगे, ऐसे में डेबिट-क्रेडिट कार्ड तथा एटीएम बेकार हो जाएंगे। अमिताभ कांत ने कहा कि देश में 32 साल से कम उम्र के लोगों की 72 फीसदी आबादी का होना अमेरिका तथा यूरोप जैसे देशों के मुकाबले जनसांख्यिकीय लाभ की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
कांत के कहने का तात्पर्य यह था कि 2040 तक जब हमारे देश की पॉपुलेशन जवान होती जाएगी उस दौरान अमेरिका और यूरोप जैसे देशों की जनसंख्या बुढ़ी होने की कगार होगी। ऐसे में अब वो समय आ रहा है जब हमारे देश के युवा एक निश्चित बदलाव लाकर पूरी दुनिया में एक नई क्रांति लाएं।
आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल पेमेंट का चलन 42 फीसदी तक बढ़ा चुका है। वहीं पेमेंट काउंसिल आॅफ इंडिया ने बयान जारी किया था कि डिजिटल पेमेंट की ग्रोथ 70 फीसदी बढ़ी है।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने नोएडा स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगले तीन-चार वर्षों में डेबिट-क्रेडिट कार्ड तथा एटीएम का चलन देश से बाहर हो जाएगा, हम सभी अगले चार सालों में मोबाइल के जरिए डिजिटल ट्रांजेक्शन करते दिखेंगे। सीईओ अमिताभ कांत को एमिटी यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी।
डिजिटल ट्रांजेक्शन ही होगा प्रमुख जरिया
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि देश में मोबाइल के जरिए डिजिटल ट्रांजेक्शन के चलन में काफी तेजी आई है। हमारे देश में अरबों की संख्या में बायोमेट्रिक डेटा तथा मोबाइल फोन और बैंक अकाउंटस भी हैं, ऐसे में भारत ही पूरी दुनिया में एक मात्र ऐसा देश होगा जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में सारे रिकॉर्ड टूटेंगे। उन्होंने कहा कि मोबाइल के जरिए देनदेन पर जोर देना देश के लिए एक शुभ संकेत है।
विकास का लक्ष्य 9 से 10 फीसदी
नीति आयोग सीईओ कांत ने कहा कि नोटबंदी के बाद भी देश साढ़े सात फीसदी के दर से विकास पथ पर गतिमान है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार का उद्देश्य नौ से दस फीसदी दर से विकास करना है।