सीबीआई जाँच में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम घोटालों में उजागर होने के बाद बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक प्रेसवार्ता में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर भड़क गए और कहा कि किसी की सलाह और धमकियों का उनपर कोई असर नहीं होने वाला। किसी तरह के उकसावे या दबाव में आकर तेजस्वी इस्तीफ़ा नहीं देंगे। तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर कोई भी फैसला पार्टी खुद करेगी। फिलहाल पार्टी अपने पुराने रुख पर कायम है और तेजस्वी इस्तीफ़ा नहीं दे रहे हैं।
भाजपा कर रही है इस्तीफे की मांग
बिहार विधानसभा में विपक्ष की भूमिका अदा कर रही भाजपा ने सीबीआई छापों के बाद हुई प्रेसवार्ता में ही तेजस्वी से पद छोड़ने की मांग की थी। उसने नीतीश कुमार पर भी नैतिकता के आधार पर तेजस्वी को पद से बर्खास्त करने का दबाव बनाया था। अपने एक बयान में तो भाजपा नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव की तुलना निर्भया काण्ड के बलात्कारियों से कर दी थी जिसपर ख़ासा बवाल भी मचा था।
सोनिया गाँधी ने की थी बीच-बचाव की कोशिश
कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गाँधी ने बीच-बचाव करने की कोशिश करते हुए कहा था कि नीतीश और लालू को आपसी बातचीत से कोई हल निकाल लेना चाहिए। कुर्सी को लेकर दो सहयोगी दलों में इस तरह की खींचतान ठीक नहीं है। हालाँकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि अलगाव की स्थिति में कांग्रेस किसके साथ जायेगी। इस बयान पर लालू यादव ने कहा कि उनकी कांग्रेस से कोई बात नहीं हुई है और वो किसी भी सलाह पर अमल नहीं कर रहे हैं।
जेडीयू को इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं
इस मुद्दे को लेकर चार दिन पहले ही जेडीयू ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि वो और उनकी पार्टी तेजस्वी की सफाई और उनके पक्ष से संतुष्ट नहीं है। इसलिए यही उचित होगा कि तेजस्वी आगामी चार दिनों में अपना इस्तीफ़ा सौंप दे। उस अल्टीमेटम के चार दिन आज पूरे हो रहे हैं और सबकी नजरें नीतीश कुमार के अगले कदम पर है। नीतीश कुमार की छवि एक सच्चे, ईमानदार और भ्रष्टाचार विरोधी नेता की रही है और लोगों को उम्मीद है कि वो अपनी इस छवि पर आँच नहीं आने देंगे।