फिच सोल्यूशनस मैक्रो रिसर्च के अनुसार,”आने वाले लोक सभा चुनाव में मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत इक्टठा कर सरकार बनाने के लिए ‘कड़ी मशक्कत’ करनी पड़ेगी वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का पास इस पूरा मौका यानी ‘निष्पक्ष संभावना’ है कि वह क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करके सरकार बना सकती है।
फिच रेटिंग के सहयोगी के अनुसार देश के मुख्य राष्ट्रीय दलों में से किसी को भी संसद के निचले सदन में बहुमत मिलने की संभावना नहीं है। जिसका मतलब साफ है कि दोनों ही पार्टियों को क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाकर ही सरकार बनानी पड़ेगी। फिच सोल्यूशन के मुताबिक, तमाम काबिल क्षेत्रीय पार्टियां इन दिनों भाजपा से नाराज चल रही हैं ऐसे में कांग्रेस के पास मौका है।
गुरुवार को एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि, हम अनुमान लगा रहे हैं कि भाजपा गठजोड़ करके आगामी चुनाव के बाद सत्ता में आ सकती है लेकिन इस बीच राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस के पास भी बराबर के आसार हैं।
उन्होंने कहा कि, हालांकि भाजपा बजट में किसानों के लिए इनकम स्पोर्ट प्रोग्राम लाकर या पुलवामा हमले में जनता व शहीदों के प्रति सहानूभुति दिखाकर कुछ फायदा लेने में कामयाब रहेगी।
पिछले दिसंबर में भाजपा तीन राज्यों से चुनाव हारी थी, जिसका उसे खामियाजा होगा। इन निष्कर्षों से साफ दिख रहा है कि भाजपा के प्रभाव मेंं कमी आई है। उदाहरण के तौर पर हाल ही में इंडिया टुडे पोल ने भविष्यवाणी की थी कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 543 सीटों वाली संसद में बहुमत से कम 237 सीटें जीत सकता है। जबकि 2014 में उन्होंने 336 सीटों से अपने नाम की थी।